चन्दौली जिला जेल भूमि अधिग्रहण में बड़ा घोटाला
200 भूमाफियाओं में बांटा गया धन
सरकारी जमीन के लिये ही दिया गया लगभग 33 करोड़ रुपए
नागरिकों को जिले के बड़े अधिकारियों के शामिल होने का अंदेशा
ब्यूरो । चन्दौली
चंदौली जिला प्रशासन को एक नाम शायद खटक रहा है वह है बबलू पाण्डेय का। कई बार देखा गया है कि आम आदमी भी समाज में बहुत महत्वपूर्ण और खास योगदान दे जाता है। आइए आपको इस के अंक में परिचित कराते हैं ऐसे ही एक जमीन के मसीहा से जिसने एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। जिस मामले में संपूर्ण चंदौली जिला प्रशासन कटघरे में है।
हम बात कर रहे हैं चंदौली जिला जेल में के लिए जमीन अधिग्रहण में हुए भयंकर भ्रष्टाचार की। जिस मामले में उच्च न्यायालय इलाहाबाद के कोर्ट संख्या 30 में जनहित याचिका संख्या 5125 वर्ष-2018 में आए आख्यान व निर्देश आया है। अध्ययन के पश्चात जो मामला प्रकाश में आया है उसके मुताबिक चन्दौली जिला जेल के लिए जो जमीन अधिग्रहित की गई उसमें करोड़ों का घोटाला हुआ है।
बबलू पाण्डेय के मुताबिक पिछले जिलाधिकारियों के समय में यह बड़ा घोटाला हुआ है। इस प्रकरण में चन्दौली के बड़े सरकारी जलाशय क्षेत्र को जिला जेल के लिए अधिग्रहित किया गया और वहां के स्थानीय दलाल एवं कब्जाधारियों को बड़ी मात्रा में धनराशि बंदर-बांट की गई। स्वयं सरकार की ही जमीन के लिए सरकार का धन बाँटा गया। बाद में जब इसकी जानकारी आम लोगों को हुई तो इसका विरोध तेज हो गया। इससे जिला प्रशासन ढीला पड़ गया और अधिग्रहण थोड़ा शिथिल हो गया। तब-तक धन का बंदर-बांट बड़े पैमाने पर हो चुका था।
ऐसे में हाईकोर्ट में केस की जांच के दायरे में पूरा घटनाक्रम आना इन अधिकारियों के लिए कष्टकर है। जब हाईकोर्ट की नोटिस जिला प्रशासन को प्राप्त हुई तो सबके हाथ पाँव फूल गए।
वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन द्वारा उच्चन्याायालय की अवमानना भी प्रकाश में आयी है, क्योंकि उसके निर्देशों के अनुसार संपूर्ण जांच रिपोर्ट न्याायालय के सामने मार्च की अंतिम तारीख तक प्रस्तुत करनी थी जो अभी तक नहीं की गई है। मामले में अधिकारी अपनी जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
इस बाबत सकलडीहा क्षेत्र एसडीएम से बात की गई तो वह जवाब देने से पहले तो भागने रहे। बहुत जोर देने पर सिर्फ इतना बताए कि वह अभी नए हैं, उन्हें इस अधिग्रहण और धन हेरफेर की कोई जानकारी नहीं है।
खबर प्रकाशित किए जाने तक इस भ्रष्टाचार के मामले में जिला प्रशासन की ओर से हाईकोर्ट में अभी कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। दस्तावेजों के अध्ययन करने से जाहिर होता है कि जिला प्रशासन एवं तत्कालीन प्रशासन द्वारा घोटाला हुआ है अब देखना यह है इस मामले में क्या किसी घोटालेबाज पर कारवाई होती है की नहीं।
चन्दौली जिला जेल के जमीन अधिग्रहण के मामले का ब्यौरा
जिला जेल के लिए सकलडीहा तहसील के ग्राम बरंगा में स्थित रॉयल तालाब की भूमि का अधिग्रहण हुआ है। यह अधिग्रहण लगभग 37करोड़ रुपए का है। लोगों को इस घोटाले में स्थानीय जिला प्रशासन की संलिप्तता का अंदेशा है। ऐसा माना जा रहा है कि जिला जेल के लिए राजकीय आवंटन लगभग 35 करोड़ रुपए का था।
भू-माफियाओं को सर्किल रेट का 4 गुना दिया गया है। अनुमान के मुताबिक कुल कब्जा भूमि 300 एकड़ है। स्थानीय नागरिकों के अनुसार बची हुई खाली भूमि 25 एकड़ है। इन कब्जेदारों में लगभग 200 लोग शामिल हैं। अधिग्रहण के समय तात्कालीन जिलाधिकारी कुमार प्रशांत एवं उपजिलाधिकारी विकास कुमार थे। 1368 फसली रिपोर्ट के अनुसार लगभग 300 एकड़ भूमि जलखाता थी। आरोप लगाने वाले स्थानीय नागरिकों व जनहित याचिका दाखिल करने वाले बबलू पाण्डेय तथा वहीं के एक प्रधान का कहना है कि इस घटनाक्रम में लगभग 30 करोड़ से अधिक का गबन हुआ है और लगभग 300 एकड़ भूमि कब्जा ली गई है। कब्जाने वाले लोगों में 200 स्थानीय एवं क्षेत्रीय भू-माफिया शामिल हैं। अब मामला हाई कोर्ट में विचाराधीन है। ऐसे में इंतजार इस बात का है कि इस मामले में कौन-कौन लोग न्याय की चक्की में पिसने वाले हैं।