बलिया से बक्सर तक गंगा किनारे उतराये मिले सैकड़ों शव, कहां से आए? प्रशासन जवाब खोजने में जुटा
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद
बलिया। जहां कोविड से में डर बढता जा रहा है वहीं आम आकदमी का भय बढढ़ाने वाली एक और खबर सामने आ गई है। बिहार के बक्सर में गंगा नदि के किनारे लाशों का ढेर मिला है। हालांकि घटना की संजीदगी व सियात गर्माते देखकर केंद्र सरकार ने चिंता जताया है। सरकार के एक मंत्री ने इस संबंध में ट्वीट किया है। जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा है कि गंगा की अविरलता के लिए यह चिंताजनक है और राज्य सरकार इसपर एक्शन लें। उन्होंने आगे अपने ट्विट में लिखा हैं कि बिहार के बक्सर क्षेत्र में मां गंगा में तैरते मिले शवों की घटना दुर्भाग्यजनक है। यह निश्चित ही पड़ताल का विषय है।
मां गंगा की निर्मलता और अविरलता के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है। यह घटना अनापेक्षित है। संबंधित राज्य इस संदर्भ में तुरंत संज्ञान लें। यूपी.बिहार की सीमा पर स्थित चैसा के पास गंगा नदी में सोमवार को उतराते हुए लगभग 30 शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। सूत्रों के अनुसार चैसा के महादेवा घाट से रानी घाट तक गंगा किनारे ये सभी शव पानी में उतराते मिले हैं। जानकारी हुई है कि उत्तर प्रदेश के बारा घाट पर भी 16 शव पानी के ऊपर उतराते मिले हैं।
शवों और उनसे फैली दुर्गंध की जानकारी व शिकायत पर 10 मई को सदर एसडीएम केके उपाध्याय मौके पर पहुंचे। केके उपाध्याय ने अपने अधनस्तों को सभी शवों को श्मशान घाट के पास गड्ढा खोदकर दफन करने के लिएकहा। स्थानीय डीएम अमन समीर ने शाम में शवों के बारे में एक प्रेस वार्ता में बताया कि ये सभी लाशें यूपी से बहकर यहां तक पहुंची हैं। डीएम ने कहा कि चैसा के महादेवा घाट के किनारे 30 शव मिलने की जानकारी मिली हैं।
स्थानीय एसडीएम ने बताया है कि सीमावर्ती जिलों के जिला पदाधिकारीगणों से वार्ता के हिसाब से आगे भविष्य में ऐसी घटना को रोकने के लिए कड़ी चैकसी की जाएगी। इसके लिए प्रशासन नौका पर पेट्रोलिंग करवाने पर भी विचार कर रहा है।
सरकार के कोविड को लेकर बनाए गए दिशा-निर्देश के अनुरूप ही देशभर की तरह ही यहां बक्सर में कोविड-19 संक्रमण से संक्रमित शवों अंत्येष्टि के लिए निःशुल्क व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि यह लाशों का ढेर जिला के मुख्यालय से लगभग 11 किलोमीटर दूर स्थित चैसा के गंगा घाट के किनारे जमा था। जिन्हें कुत्ते, सियार और अन्य जानवर व पंक्षी नोच कर खा रहे थे। स्थानीय प्रत्यक्षदर्शियों का कहना था कि वहां का उस समय का दृष्य बड़ा वीभत्स था। जिसे देखकर राक्षस भी कांप जाए। यहां यह बताना है कि कोविड-19 से संक्रमित लाशों का अंतिम संस्कार संक्रमण के भय से जैसे तैसे कर दिया जा रहा है।
लोगों का मानना है कि अलग अलग जगह से परवाह की गई लाशें इकट्ठा हो गई होंगी। अब इन शवों के बारे में जानकारी जुटाने में प्रशासन के हाथ पांव फूल रहे हैं। तभी जानकारी आने लगी है कि 11 मई 2021 को यू. पी. के बलिया जिले में भी ऐसे ही शवों का ढेर मिला है। स्थानीय मीडिया के अपडेट में वाराणसी के निकट बलिया में नदी किनारे अनेक लाशों के मिलने का समाचार चल रहा है। बलिया के जिला प्रशासन के वक्तब्यों के अनुसार बलिया के उजियार घाट और भरौली पर बहकर आये दर्जनों शवों को पुलिस ने निकलवाया है। जिला प्रशासन के अनुसार उसने 46 शवों को पानी से बाहर निकाला है। लोगों को डर है कि इतने सारे शव कोरोना पीड़ितों के हुए तो तबाही आ सकती है।
प्रशासन द्वारा बताया जा रहा है कि उजियार में 40 और भरौली में 6 शवों को गंगा से बाहर निकला गया है। जिला प्रशासन द्वारा जेसीबी से गड्ढा खोदकर सभी शवों को जमीन में गड़वाया जा रहा है। पाठकों को बताना है कि बलिया के उजियार घाट के ठीक उस पार बिहार का बक्सर है। जहां ठीक एक दिन पहले ही स्थानीय जिलाधिकारी अमन समीर ने कहा था कि यूपी की ओर से ही शव बहकर उनके जिले की सीमा में आ गए हैं।