आलेख: बाजारवाद की हमजोली बना दी गई सुन्दरता: सलिल सरोज

भौतिक युग में आज तक अपरिभाषित सुन्दरता, उसमें भटके स्त्री समाज और उसपर सौन्दर्य प्रतियोगिताओं के षणयन्त्र से आधिपत्य किए पूँजीवाद के क्षद्म की बेमिशाल भाव परिक्रमा कर रहे हैं … Read More

सुशांत, आखिर क्यों, सुशांत? -सलिल सरोज

समाज में किसी भी एक व्यक्ति के द्वारा की गई आत्महत्या को पूरे समाज की सामूहिक असफलता माकर अनेक अनिवार्य प्रश्न खड़े कर रहे हैं वरिष्ठ लेखक सलिल सरोज आत्महत्या … Read More

ये कौन हैं, अलग से दिखने वाले लोग : सलिल सरोज

अपने लेख में स्त्री-पुरुष समाज से कटे एवं उपेक्षित हुए हिजड़ा समाज व उसकी दर्दभरी दुनिया पर गहन विमर्श प्रस्तुत कर रहे हैं लेखक सलिल सरोज कभी-कभी आपके आस-पास के … Read More

भारत तो भारत है, अब अमेरिका में भी अपने आदर्शों से गिरी पत्रकारिता -छतिश कुमार द्विवेदी ‘कुंठित’

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को स्पष्टनीति का महान नेता मानने के साथ-साथ अमेरिका में पत्रकारिता में आई वर्तमान गिरावट को रेखांकित कर रहे हैं अनिवार्य प्रश्न के प्रधान संपादक … Read More

आखिर क्या है प्रेम ?

प्रस्तुत आलेख में सामान्य जन मानस के प्रेम से जुड़े अनेक साधरण व जटिल सवालों के जवाब तलाश रहे हैं वरिष्ठ लेखक सलिल सरोज क्या प्रेम  कोई आकर्षण है, दैहिक … Read More

इंसानियत की नजीरों से भरा संसार

वाराणसी नगर निगम द्वारा किए गए कुछ मानवीय कार्यों के प्रतिनिधित्व से समाज में प्रेम व इंसानियत के पुनः जिन्दा होने के सजीव संदर्भ तलाश रहे हैं अनिवार्य प्रश्न समाचार … Read More

कोरोना – नया रूप लेकर 102 साल पुराना दर्द

स्पेनिश फ्लू के बाद लगभग एक सदी के उपरान्त वैसी ही आपदा के रुप में सामने आए कोविड-19 के व्यापक विचार रख रहे हैं उत्तर प्रदेश गाजियाबाद के लेखक नीरज … Read More

अपनी खुद की खोदी हुई खाई में डूबती दुनिया

(कोविड-19 के संक्रमण काल पर एक विशेष संवेदनात्मक आलेख) कोविड-19 के संक्रमण काल में जब विश्व आपदा को जी रहा है तब विश्व की शक्तियों व आम आदमी के जीवन … Read More

क्यों भूल गया भारत भारतीय नव वर्ष

अनिवार्य प्रश्न । डेस्क हम अपनी महानतम संस्कृति को भूल कर आज पश्चिमी संस्कृति के नव वर्ष पर हर्ष मनाते हंै, क्या अपनी महान एवं सनातन संस्कृति से जुड़े नव … Read More

सोशल मीडिया हकीकत या फर्जी

सोशल मीडिया के दुरुपयोग का मुद्दा ऐसा है जिसकी अब अनदेखी नहीं की जा सकती है। ऐसे में इसके खिलाफ कड़े कानून की सख्त जरूरत है। सोशल मीडिया पर शीघ्र … Read More