अप्रैल 2025 की ‘सचिवालय सुधार’ रिपोर्ट का 21वां संस्करण जारी, स्वच्छता और ई-गवर्नेंस में उल्लेखनीय प्रगति
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) ने अप्रैल 2025 की मासिक ‘सचिवालय सुधार’ रिपोर्ट का 21वां संस्करण जारी किया है। रिपोर्ट में सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता, लंबित मामलों में कमी, ई-ऑफिस की प्रगति और प्रशासनिक दक्षता में सुधार को रेखांकित किया गया है। अप्रैल 2025 में देशभर के 10,771 कार्यालयों में चलाए गए स्वच्छता अभियानों के तहत 1.09 लाख फाइलों को हटाया गया और लगभग 4.35 लाख वर्ग फुट कार्यालय स्थान खाली किया गया, जिसमें रेल मंत्रालय (1,74,167 वर्ग फुट) और कोयला मंत्रालय (99,114 वर्ग फुट) का सबसे अधिक योगदान रहा। दिसंबर 2024 से अप्रैल 2025 के बीच रद्दी निपटान से कुल 515.08 करोड़ रुपये और वर्ष 2021 से अब तक कुल 2879.13 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया गया।
रिपोर्ट में कार्यालय स्थलों के कुशल प्रबंधन को भी रेखांकित किया गया है, जैसे फार्मास्युटिकल विभाग द्वारा एनआईपीईआर-गुवाहाटी में अव्यवस्थित कार्यालय को सुव्यवस्थित स्थान में परिवर्तित करना और सीएमटीआई-बैंगलोर व एम्स-गुवाहाटी जैसे संस्थानों में रद्दी निपटान और पुनर्गठन की पहलें। निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में सुधार की दिशा में भी उल्लेखनीय प्रगति हुई है – सक्रिय फाइलों के औसत विशिष्ट लेनदेन स्तर में 2021 के 7.19 से घटकर अप्रैल 2025 में 4.17 हो गया है। इसी माह 94.24 प्रतिशत फाइलें ई-फाइल के रूप में तैयार की गईं और 94.54 प्रतिशत ई-रसीदें प्राप्त हुईं, जिसमें 40 मंत्रालयों/विभागों ने 100 प्रतिशत ई-फाइलिंग अपनाई।
ये पहलें डिजिटल रूप से सक्षम, पारदर्शी और नागरिक-केंद्रित शासन के प्रति भारत सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं और प्रशासनिक उत्कृष्टता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।