केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आयुष डे केयर थेरेपी केन्द्रों को शासन की मिली स्वीकृति
अनिवार्य प्रश्न। संवाद
नई दिल्ली। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा प्रणालियों के तहत डे केयर थेरेपी केन्द्र सुविधा के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के निजी डे केयर थेरेपी केंद्रों को जल्द ही सीजीएचएस द्वारा प्रदान की जाने वाली डे केयर थेरेपी सेंटर ऑफ कन्वेन्शनल (एलोपैथी) दवा के पैनल के समान केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत सूचीबद्ध किया जाएगा।
सीजीएचएस के सभी लाभार्थी, साथ ही पेंशनभोगी इन केंद्रों का लाभ उठा सकेंगे। मंत्रालय ने यह कदम जनता के बीच दवाओं की आयुष प्रणाली की बढ़ती लोकप्रियता को ध्यान में रखते सभी सीजीएचएस लाभार्थियों के लिए उठाया गया है।
डे केयर थेरेपी केंद्रों की प्रारंभिक सूची को एक साल के लिए दिल्ली और एनसीआर में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया जाएगा और बाद में अन्य स्थानों के लिए भी विचार किया जाएगा।
इस योजना के तहत डे केयर थेरेपी केंद्र में रहने की एक छोटी अवधि के लिए उपचार की प्रक्रिया, कुछ घंटों से लेकर एक दिन से कम समय तक सीजीएचएस लाभार्थियों को उपलब्ध कराई जाएगी। योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य और सेहत में सुधार करना, स्वास्थ्य देखभाल व्यय को कम करना और रोगियों को सेवा वितरण, दक्षता और आराम प्रदान करना है। चूंकि नये वातावरण में उपचार प्रक्रिया के लिए रात भर रहने की आवश्यकता नहीं होती है, यह बच्चों और बुजुर्ग रोगियों के लिए बेहद सुविधाजनक है। आयुष प्रणाली के लाभ को बढ़ाने के लिए भारत सरकार का यह एक और महत्वपूर्ण कदम है।
वर्तमान में पंचकर्म और अभ्यंग इत्यादि अनुमोदित प्रक्रियाओं के उपचार के बाद ही सूचीबद्ध सीजीएचएस अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। इसमें सीजीएचएस के लिए इनडोर कमरे के शुल्क के रूप में अतिरिक्त लागत शामिल है, जिनका प्रक्रिया लागत के अलावा सीजीएचएस द्वारा अलग से भुगतान किया जाता है। डे केयर केंद्र न केवल अस्पताल में भर्ती होने की लागत को कम करेगा बल्कि रोगी की सुविधा में भी इजाफा करेगा।