फीचर फोन व लैंडलाइन फोन इस्‍तेमाल करने वाले लोगों के लिए सरकार लाई: ‘आरोग्य सेतु आईवीआरएस’


अनिवार्य प्रश्न । संवाद


आरोग्य सेतु के संरक्षण में फीचर फोन और लैंडलाइन फोन वाले लोगों को भी शामिल करने के लिए ‘आरोग्य सेतु इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस)’ को लागू किया गया है। यह सेवा देश भर में उपलब्ध है। यह एक टोल-फ्री यानी निःशुल्‍क सेवा है, जिसके तहत नागरिकों को 1921 नंबर पर एक मिस्ड कॉल करने के लिए कहा जाता है।


दिल्ली। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई को ध्‍यान में रखते हुए भारत सरकार ने लगातार कई निवारक उपाय किए हैं, जिन्‍हें राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के सहयोग से पूरे देश में लागू किया जा रहा है। एक प्रमुख निवारक उपाय के रूप में केंद्र सरकार ने पहले ‘आरोग्य सेतु’ नामक एक एप्लिकेशन को लॉन्‍च किया था। आरोग्य सेतु मोबाइल एप को इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने विकसित किया है। इसकी मदद से लोग स्‍वयं को कोरोना वायरस का संक्रमण होने के जोखिम का आकलन स्‍वयं ही कर सकते हैं। यह एप अत्याधुनिक ब्लूटूथ तकनीक, एल्गोरिदम और आर्टिफि‍शियल इंटेलि‍जेंस का उपयोग करके संबंधित व्‍यक्ति के अन्‍य लोगों के साथ मिलने-जुलने से उत्‍पन्‍न होने वाले इस संभावित जोखिम की गणना करता है।

आरोग्य सेतु के संरक्षण में फीचर फोन और लैंडलाइन फोन वाले लोगों को भी शामिल करने के लिए ‘आरोग्य सेतु इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस)’ को लागू किया गया है। यह सेवा देश भर में उपलब्ध है। यह एक टोल-फ्री यानी निःशुल्‍क सेवा है, जिसके तहत नागरिकों को 1921 नंबर पर एक मिस्ड कॉल करने के लिए कहा जाता है और इसके बाद उन्हें प्राप्‍त कॉल बैक में उनसे अपने स्वास्थ्य के बारे में आवश्‍यक जानकारियां देने का अनुरोध किया जाता है।

पूछे जाने वाले प्रश्न आरोग्य सेतु एप से जुड़े होते हैं और इसके जो जवाब मिलते हैं उनके आधार पर संबंधित नागरिक को उनके स्वास्थ्य की वर्तमान स्थिति के बारे में संकेत देने वाला एक एसएमएस मिलेगा और इसके साथ ही आगे भी उनके स्वास्थ्य के बारे में अलर्ट मिलेंगे।

यह सेवा मोबाइल एप्लिकेशन के समान ही 11 क्षेत्रीय भाषाओं में लागू की गई है। संबंधित नागरिकों द्वारा दी जाने वाली जानकारियों को आरोग्य सेतु डेटाबेस का हिस्सा बनाया जाएगा और इन सूचनाओं की प्रोसेसिंग की जाएगी, ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए जाने वाले आवश्‍यक कदमों पर उन्‍हें अलर्ट भेजा जा सके।

सरकार द्वारा अनेक विज्ञापनों में सभी नागरिकों से इस मोबाइल एप्लिकेशन को डाउनलोड करने का आग्रह किया जाता है। यह एप दरअसल उपयोगकर्ता (यूजर) को तब संक्रमण के खतरे के बारे में सूचित करता है, जब वह किसी ऐसे व्यक्ति के बगल से गुजरता या गुजरती है जो कोरोना पॉजिटिव है। आरोग्य सेतु को अपने मोबाइल फोन पर इंस्‍टॉल करने पर उपयोगकर्ता से कई सवालों के जवाब देने के लिए कहा जाता है। यदि कुछ उत्तर ऐसे होते हैं जिनसे उपयोगकर्ता में कोविड-19 के लक्षण होने के बारे में संकेत मिलता है, तो यह जानकारी एक ‘सरकारी सर्वर’ को भेज दी जाएगी। यह डेटा सरकार को बिल्‍कुल उचित समय पर ठोस कदम उठाने और यदि आवश्यक हो तो आइसोलेशन प्रक्रिया शुरू करने में मदद करता है। इसके साथ ही यह उस समय अलर्ट भी करता है जब कोई व्यक्ति किसी कोरोना पॉजिटिव मरीज के निकट आता है। यह एप गूगल प्‍ले (एंड्रॉयड फोन के लिए) और आईओएस एप स्टोर (आईफोन के लिए) दोनों पर ही उपलब्ध है। यह 11 भाषाओं (10 भारतीय भाषाएं और अंग्रेजी) में उपलब्ध है।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी मुद्दों, दिशा-निर्देशों एवं एडवाइजरी पर सभी प्रामाणिक और अद्यतन (अपडेट) जानकारी प्राप्‍त करने के लिए https://www.mohfw.gov.in/  पर नियमित रूप से जाएं।

कोविड-19 से संबंधित तकनीकी प्रश्नों को technicalquery.covid19@gov.in पर और अन्‍य प्रश्‍नों को ncov2019@gov.in पर ईमेल किया जा सकता है और ट्वीट्स के माध्यम से  @CovidIndiaSeva पर भेजा जा सकता है।

कोविड-19 से संबंधित किसी भी प्रश्न के लिए कृपया स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर : +91-11-23978046  या 1075 (टोल-फ्री) पर कॉल करें। कोविड-19 पर राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची   https://www.mohfw.gov.in/pdf/coronvavirushelplinenumber.pdf पर भी उपलब्ध है।

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