Anivarya-Prashna-Web-Bainer-New-2026
India launches first "Digital Threat Report 2024" for BFSI sector, cyber security will get new strength

भारत ने लॉन्च की BFSI क्षेत्र के लिए पहली “डिजिटल खतरा रिपोर्ट 2024”, साइबर सुरक्षा को मिलेगी नई मजबूती


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


भारत सरकार ने बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (BFSI) क्षेत्र में साइबर सुरक्षा को नए स्तर पर पहुंचाने के लिए एक ऐतिहासिक पहल के तहत “डिजिटल खतरा रिपोर्ट 2024” का शुभारंभ किया है। यह रिपोर्ट कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In), CSIRT-FIN और वैश्विक साइबर सुरक्षा कंपनी SISA के सहयोग से तैयार की गई है।

रिपोर्ट का उद्देश्य BFSI संस्थानों को उभरते साइबर खतरों के प्रति जागरूक करना, उन्हें आधुनिक रक्षा रणनीतियों से लैस करना और दीर्घकालिक साइबर लचीलापन प्रदान करना है।

लॉन्च के अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के सचिव एस. कृष्णन ने कहा कि “BFSI इको-सिस्टम की परस्पर निर्भरता के चलते एक साइबर हमला प्रणालीगत प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर एकीकृत साइबर सुरक्षा ढांचे की तत्काल आवश्यकता है।” उन्होंने यह भी बताया कि CERT-In और CSIRT-FIN जैसे संगठन उद्योग हितधारकों और वैश्विक निकायों के साथ मिलकर सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू ने रिपोर्ट की उपयोगिता को रेखांकित करते हुए कहा, “डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा अब कोई विकल्प नहीं बल्कि वित्तीय स्थिरता की बुनियाद बन चुकी है। भारत के BFSI क्षेत्र का तेजी से डिजिटलीकरण साइबर हमलों की सतह को भी बढ़ा रहा है, जिससे सुरक्षा एक आर्थिक अनिवार्यता बन गई है।”

इस रिपोर्ट में BFSI क्षेत्र में साइबर खतरों के समग्र विश्लेषण के साथ-साथ SISA की फोरेंसिक जांच, CERT-In की निगरानी और CSIRT-FIN की प्रतिक्रिया विशेषज्ञता को जोड़ा गया है।

CERT-In के महानिदेशक डॉ. संजय बहल ने कहा, “यह रिपोर्ट केवल संस्थाओं की नहीं, बल्कि पूरे इको-सिस्टम की सुरक्षा को ध्यान में रखकर बनाई गई है। सहयोगात्मक खुफिया जानकारी साझाकरण आज के समय की आवश्यकता है, जिससे भारत वैश्विक साइबर सुरक्षा मानकों की दिशा में अग्रसर हो सके।”

SISA के संस्थापक एवं CEO दर्शन शांतमूर्ति ने रिपोर्ट की कार्रवाई योग्य अंतर्दृष्टियों पर ज़ोर देते हुए कहा, “हमारा उद्देश्य केवल खुफिया जानकारी देना नहीं बल्कि एक ऐसा डिजिटल भविष्य सुनिश्चित करना है जिसमें लेनदेन सुरक्षित, निर्बाध और संरक्षित हों।”

रिपोर्ट यह बताती है कि 2028 तक भारत में डिजिटल भुगतान से 3.1 ट्रिलियन डॉलर उत्पन्न होने की संभावना है, जो कुल बैंकिंग राजस्व का लगभग 35% होगा। ऐसे में AI-संचालित हमलों और उभरती धोखाधड़ी रणनीतियों से सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी बन जाती है।

“डिजिटल खतरा रिपोर्ट 2024” न केवल BFSI संगठनों को वर्तमान और भावी खतरों से निपटने के लिए तैयार करती है, बल्कि यह एक रणनीतिक मार्गदर्शिका भी प्रदान करती है, जो नियामक अनुपालन, तकनीकी समाधान और खुफिया सूचनाओं का एकीकृत दृष्टिकोण प्रस्तुत करती है।

यह रिपोर्ट BFSI क्षेत्र के लिए एक्शन का आह्वान है — अब समय है कि भारत साइबर सुरक्षा में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाए।