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National Quality Conference 2025 Defence Minister calls success of Operation Sindoor a result of quality equipment and efficiency of armed forces

राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन 2025: रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को गुणवत्ता उपकरणों और सशस्त्र बलों की दक्षता का परिणाम बताया


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन 2025 में सशस्त्र बलों की शक्ति, राष्ट्र की संप्रभुता की सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को लेकर कई अहम घोषणाएं कीं। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता का श्रेय भारत की अजेय, पेशेवर रूप से प्रशिक्षित सशस्त्र सेनाओं और उच्च गुणवत्ता वाले स्वदेशी उपकरणों को दिया।

श्री सिंह ने बताया कि इस ऑपरेशन में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में स्थित नौ आतंकी शिविरों को नष्ट किया गया और बड़ी संख्या में आतंकवादियों का सफाया किया गया। उन्होंने इसे सटीकता और संयम के साथ अंजाम देने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की और इसे राष्ट्र के लिए गर्व की बात बताया।

रक्षा मंत्री ने दो टूक कहा, “भारत ने हमेशा एक जिम्मेदार राष्ट्र की भूमिका निभाई है, लेकिन अगर कोई हमारे संयम का गलत फायदा उठाने की कोशिश करता है, तो उसे कठोर और प्रचंड जवाब मिलेगा। भारत की संप्रभुता की रक्षा में कोई सीमा बाधा नहीं बन सकती। हम भविष्य में भी जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार हैं।”

सम्मेलन का विषय “एकीकृत दृष्टिकोण और प्रौद्योगिकी सक्षम प्रक्रियाओं के माध्यम से गुणवत्ता आश्वासन में तेजी लाना” रहा, जिसमें रक्षा गुणवत्ता प्रणाली को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बनाने पर विशेष जोर दिया गया। रक्षा मंत्री ने रक्षा उत्पादन में गुणवत्ता, नवाचार और डेटा-संचालित प्रणालियों को आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि गुणवत्ता के बिना कोई भी रक्षा उत्पाद न टिकता है और ‘ब्रांड इंडिया’ का अर्थ है– जो वादा किया, वह हर हाल में पूरा किया जाएगा।

उन्होंने रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को भारत की पूर्ण स्वतंत्रता का मूल बताया और कहा कि विदेशों से हथियार खरीदकर हम अपनी सुरक्षा किसी और पर निर्भर करते हैं। उन्होंने आयुध निर्माणी बोर्ड (OFB) के निगमीकरण जैसे सुधारों का उल्लेख करते हुए कहा कि इन कदमों से एक प्रतिस्पर्धी और नवाचारी रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र उभर रहा है।

सम्मेलन में यह भी बताया गया कि वर्ष 2024-25 में भारत ने ₹24,000 करोड़ के रक्षा निर्यात का रिकॉर्ड पार कर लिया है और सरकार का लक्ष्य 2029 तक इसे ₹50,000 करोड़ तक पहुंचाने का है। 2047 तक भारत को दुनिया का सबसे बड़ा रक्षा निर्यातक और विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प दोहराया गया।

सम्मेलन की मुख्य घोषणाओं में ‘क्यूए 4.0 फ्यूचर रोडमैप’ का अनावरण हुआ, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, डिजिटल डैशबोर्ड और स्वचालित परीक्षण प्रक्रियाओं जैसे तकनीकी समाधानों को रक्षा गुणवत्ता आश्वासन में शामिल करने की बात कही गई। इसके अतिरिक्त, भारतीय सैन्य उड़ान योग्यता विधेयक का मसौदा भी प्रस्तुत किया गया, जिससे सैन्य विमानों की प्रमाणन प्रक्रिया को वैधानिक स्वरूप मिलेगा।

रक्षा उत्पादन सचिव संजीव कुमार ने सम्मेलन में सहभागिता कर उद्योग प्रतिनिधियों से संवाद किया और मंत्रालय की गुणवत्ता आश्वासन प्रणालियों को अधिक पारदर्शी और डिजिटल बनाने के संकल्प को दोहराया।

सम्मेलन के समापन पर महानिदेशक, गुणवत्ता आश्वासन महानिदेशालय, एन. मनोहरन ने सभी हितधारकों की एकजुटता और रक्षा गुणवत्ता मानकों को वैश्विक स्तर तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता को सराहा। इस अवसर पर नौसेना, वायुसेना, रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों और निजी उद्योग के वरिष्ठ प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय गुणवत्ता सम्मेलन 2025 न केवल रक्षा गुणवत्ता के लिए, बल्कि भारत की रणनीतिक शक्ति, निर्यात क्षमता और तकनीकी आत्मनिर्भरता को सुदृढ़ करने के लिए एक मील का पत्थर साबित हुआ है।