Pranab Mukherjee is no longer among all of us

हम सभी के बीच अब नहीं रहे प्रणब मुखर्जी


अनिवार्य प्रश्न । संवाद


नई दिल्ली। बहुत दुख पूर्वक समाचार दिया जा रहा है कि भारत के हमारे पूर्व राष्ट्रपति एवं वरिष्ठ राजनयिक प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है। वह कुछ दिनों से कोविड-19 से संक्रमित थे और सैनिक अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने एक ट्वीट कर उनके न होने की दुखभरी जानकारी साझा की। सूत्रों के अनुसार प्रणब दा पिछले कई दिनों से दिल्ली स्थित सेना अस्पताल में भर्ती थे। उनके बेटे अभिजीत मुखर्जी ने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘‘ हेवी हार्ट के साथ, यह आपको सूचित करना है कि मेरे पिता श्री प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया है, आरआर अस्पताल के डॉक्टरों के सर्वोत्तम प्रयासों और पूरे भारत में लोगों से प्रार्थना, दुआओं और प्रार्थनाओं के बावजूद!
मैं आप सभी को हाथ जोड़कर धन्यवाद देता हूं!’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी – ‘‘ भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास पथ पर एक अमिट छाप छोड़ी है। एक विद्वान सम उत्कृष्टता, एक राजनेता, उन्हें समाज के सभी वर्गों द्वारा सराहा गया।
भारत के राष्ट्रपति के रूप में, श्री प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन को आम नागरिकों के लिए और भी अधिक सुलभ बनाया। उन्होंने राष्ट्रपति के घर को सीखने, नवाचार, संस्कृति, विज्ञान और साहित्य का केंद्र बनाया। प्रमुख नीतिगत मामलों पर उनकी बुद्धिमान सलाह मेरे द्वारा कभी नहीं भुलाई जाएगी।

‘‘मैं 2014 में दिल्ली में नया था। डे 1 से, मुझे श्री प्रणब मुखर्जी का मार्गदर्शन, समर्थन और आशीर्वाद मिला। मैं हमेशा उसके साथ अपनी बातचीत को संजोता रहूंगा। भारत भर में उनके परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों और समर्थकों के प्रति संवेदना। शांति।’’

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविन्द ने शोक जाहिर करते हुए कहा है कि ‘‘पूर्व राष्ट्रपति, श्री प्रणब मुखर्जी के स्वर्गवास के बारे में सुनकर हृदय को आघात पहुंचा। उनका देहावसान एक युग की समाप्ति है। श्री प्रणब मुखर्जी के परिवार, मित्र-जनों और सभी देशवासियों के प्रति मैं गहन शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ।’’

वहीं कांग्रेस के प्रमुख नेता राहुल गांधी ने अपने संक्षिप्त ट्वीट में लिखा कि ‘‘ बहुत दुख के साथ, देश को हमारे पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के दुर्भाग्यपूर्ण निधन की खबर मिली। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए देश में शामिल हुआ। शोक संतप्त परिवार और दोस्तों के प्रति मेरी गहरी संवेदना।’’

सूत्रों ने बताया है कि पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर छत्तीसगढ़ राज्य शासन द्वारा 31 अगस्त से 6 सितम्बर तक पूरे राज्य में सात दिवस का राजकीय शोक घोषित किया गया है। राजकीय शोक की अवधि में राज्य में स्थित समस्त शासकीय भवनों एवं अन्य स्थानों जहां पर नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराये जाते हैं, वहां पर 31 अगस्त से 6 सितम्बर तक राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे। इतना ही नहीं राजकीय शोक की अवधि में राज्य में शासकीय स्तर पर कोई मनोरंजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।

प्रणव कुमार मुखर्जी भारत के तेरहवें राष्ट्रपति रह चुके हैं। 26 जनवरी 2019 को प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन ने उन्हें अपना उम्मीदवार घोषित किया। सीधे मुकाबले में उन्होंने अपने प्रतिपक्षी प्रत्याशी पी.ए. संगमा को हराया और उन्होंने 25 जुलाई 2012 को भारत के तेरहवें राष्ट्रपति के रूप में पद और गोपनीयता की शपथ ली। प्रणब मुखर्जी ने किताब ‘द कोलिएशन ईयर्सः 1996-2012 लिखा है।

जीवन

प्रणव मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में किरनाहर शहर के निकट स्थित मिराती गाँव के एक ब्राह्मण परिवार में कामदा किंकर मुखर्जी और राजलक्ष्मी मुखर्जी के यहाँ हुआ था। 84 वर्ष की उम्र में आर एंड आर हॉस्पिटल दिल्ली में दिनांक आज 31 अगस्त 2020 प्रणब दा ने कोरोना वायरस से बीमार होने की दशा में अंतिम सांस ली।

 

 

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