उपराष्ट्रपति ने स्वर्गीय प्रधानमंत्री श्री आई. के. गुजराल के सम्मान के तौर पर स्मारिका डाक टिकट जारी किया और सज्जन राजनेता के रूप में स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने आज स्वर्गीय प्रधानमंत्री आई. के. गुजराल को श्रद्धांजलि देते हुए उनके सम्मान में एक स्मारिका डाक टिकट जारी किया। श्री नायडू ने एक वर्चुअल कार्यक्रम में कहाकि श्री गुजराल एक विद्वान व्यक्ति, मधुर भाषीऔर सज्जन राजनेता थे, जिन्होंने अपने सक्षम आने वाली चुनौतियों और बाधाओं के बावजूद कभी भी अपने मूल्यों के साथ समझौता नहीं किया।उन्होंने कहा,‘वहएक सर्वप्रिय व्यवहार के स्वामी थे जो अपनी कमी को बताने वाले के प्रति विनम्र रहते थे और उन्होंने राजनैतिक क्षेत्र में अनेक मित्र बनाए।’
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री को एक बहुआयामी व्यक्तित्व के रूप में स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने कई पुस्तकें लिखी थीं वह अध्ययन और कविता पढ़ने का काफी आनंद लेते थे। उन्होंने कहा कि भारत के विदेश मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान ‘गुजराल सिद्धांत’ के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।
उपराष्ट्रपति ने सभी राजनेताओं से अपने विरोधियों को प्रतिस्पर्धी और शत्रु नहीं मानने की अपील करते हुए कहाकि उन्हें आपस में अच्छे संबंध बनाने चाहिए। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से,‘राष्ट्र प्रथम’ की नीति का पालन करते हुए कहा कि वे अपने मतभेदों को एक तरफ रखकर राष्ट्रीय हित में विदेश नीति का समर्थन करें।