Thinking is not a Brahmin caste, Kalraj Mishra

ब्राह्मण जाति नहीं, चिंतन है-कलराज मिश्र


अनिवार्य प्रश्न । संवाद


प्रतिभाओं को तलाशें, उन्हें आगे लायें -वल्र्ड ब्राह्मण कान्फ्रेस में कलराज मिश्र


जयपुर। राजस्थान राज्य के माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि ब्राह्मण जाति नहीं, चिंतन है। जो लोग मानवता के लिए कार्य करते हैं, वे ब्राह्मण कहलाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान शक्ति, भक्ति, सौंदर्य, कला और देवों की भूमि है। यहां के गांव-गांव में प्रतिभाएं हैं।

श्री मिश्र ने कहा कि प्रतिभाओं को तलाशें और उन्हें आगे लायें ताकि यह प्रदेश व देश दुनिया में निरन्तर प्रगति कर सके। 19 जुलाई रविवार को वह सायं यहां राजभवन से वल्र्ड ब्राह्मण कॉन्फ्रेंस को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सम्बोधित कर रहे थे। इस कॉन्फ्रेंस में देश भर के प्रबुद्ध लोगों ने ऑन लाइन जुड़कर मानवता की सेवा और भारतीय संस्कृति को विश्व में प्रसारित करने के लिए विचार व्यक्त किये।

राज्यपाल ने कहा कि कोविड-19 के इस दौर में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए लोगांे के आत्म विश्वास को जगाना होगा। वैदिक संस्कृति के सनातन स्वरूप को प्रसारित करना होगा। पर्यावरण का संरक्षण करना होगा। राज्यपाल ने कहा कि ब्राह्मण में न केवल सम्पूर्ण मानव समाज बल्कि पूरी वसुधा समाहित है। हम सभी को एकजुट होकर धरती को बचाने के लिए चिंतन करना होगा। पंडित दीनदयाल की सोच के अनुरूप हर व्यक्ति तक पहुंचना होगा। समाज में सकारात्मक मानसिकता का विकास करना होगा। राज्यपाल ने कहा कि शाश्वत सत्य के साथ आगे बढेंगे। समग्र विकास के लिए प्रयत्न करें। परिस्थितियां कितनी भी प्रतिकूल हों, स्वाभिमान, आत्मविश्वास, ईमानदारी, निष्ठा को डिगने न दें।

कॉन्फ्रेंस की जानकारी देने सहित स्वागत सम्बोधन पंडित सुरेश मिश्रा ने किया। कार्यक्रम में लंदन से सांसद वीरेन्द्र शर्मा, अमेरिका से डॉ. ओम शर्मा, इटली से नरिसंत शर्मा, कनाडा से डॉ. आजाद कौशिक, लंदन से डॉ. दिवाकर शुक्ला, पंडित मांगेराम शर्मा और संतोश शुक्ला ने सम्बोधित किया।

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