सड़क दुर्घटना रोकने में सहायता करेगा ‘आई रेड ऐप’
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
अब होगा हर छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटनाओं की बारीकी से अध्ययन
आई रेड ऐप के जरिए पुलिस ने जुटाया हादसों का आंकड़ा
वाराणसी। जिले में होने वाली प्रत्येक छोटी-बड़ी सड़क दुर्घटना का पुलिस बारीकी से अध्ययन कर रही है। इस साल हुए सभी सड़क हादसों को आई रेड के पोर्टल पर डाला जा रहा है, जिससे पता चल सके कि हादसे का मुख्य कारण क्या है और उसे कैसे रोका जा सके। अध्ययन से पता चला है कि अब तक हुए हादसों में सबसे ज्यादा 80 प्रतिशत तेज गति से वाहन चलाने वालों ने किए हैं।
‘आई रेड ऐप’ के लिए पुलिस विभाग के अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त (यातायात) विकास श्रीवास्तव एवं जिला सूचना विज्ञान अधिकारी प्रसन्न पाण्डेय निर्देश में एनआईसी के रोल आउट प्रबंधक चन्द्रकांत तिवारी द्वारा समस्त थानाध्यक्ष/प्रभारी निरीक्षक को प्रशिक्षण दिया जा चुका है एवं भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, वाराणसी के सभी परियोजना कार्यान्वयन इकाई, एन.एच.ए.आई. स्थित कार्यालय में चन्द्रकांत तिवारी द्वारा प्रशिक्षण दिया गया।
दुर्घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचने वाले पुलिसकर्मी को ऐप पर हादसे से जुड़ी जानकारी जैसे हादसे की तारीख, समय, दुर्घटना स्थल संबंधित वाहन दुर्घटना का संभावित कारण आदि अपलोड करना होगा। अपलोड होते ही पूरा विवरण स्वास्थ्य विभाग परिवहन विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग/पीडब्ल्यूडी के पास पहुंच जाएगा। इसके बाद संबंधित विभाग इसमें अपने स्तर से कार्रवाई करेंगे।
इस ऐप में संबंधित विभागों का पूर्व में उपलब्ध डाटाबेस यथा वाहन रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस, सीसीटीएनएस, स्वास्थ्य, राजमार्ग डेटाबेस को इंटीग्रेटेड किया गया है, ताकि संबंधित उपलब्धता का उपयोग करके प्रभावी रूप से दुर्घटना का समुचित विवरण दर्ज हो सके तथा उसके आधार पर निवारण हेतु प्रभावी कार्यवाही की जा सके।