वेव्स 2025 में ‘मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र सांख्यिकी हैंडबुक 2024-25’ का होगा विमोचन, क्षेत्रीय विकास की नई संभावनाओं पर डालेगी रोशनी
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली I सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा ‘मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र सांख्यिकी हैंडबुक 2024-25’ का बहुप्रतीक्षित विमोचन कल प्रतिष्ठित वेव्स 2025 कार्यक्रम में किया जाएगा। यह हैंडबुक देश के मीडिया एवं मनोरंजन क्षेत्र की बदलती तस्वीर और उसकी प्रगति का आंकड़ों के जरिए व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
मंत्रालय ने इस हैंडबुक के ज़रिए इस उभरते हुए क्षेत्र में विश्वसनीय, प्रामाणिक और समयबद्ध डेटा की आवश्यकता को रेखांकित किया है। सेवा क्षेत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होने के नाते मीडिया और मनोरंजन भारतीय अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय योगदान देता है। नवीनतम अनुमानों के अनुसार, यह क्षेत्र 2027 तक 7% की वार्षिक चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ते हुए ₹3067 अरब तक पहुंचने की ओर अग्रसर है।
हैंडबुक में दर्ज प्रमुख आंकड़े इस प्रकार हैं:
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प्रिंट प्रकाशन: वर्ष 1957 में 5,932 से बढ़कर 2024-25 में 1,54,523, 4.99% CAGR के साथ।
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सरकारी प्रकाशन: सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा वर्ष 2024-25 में विविध विषयों पर 130 पुस्तकें प्रकाशित।
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डीटीएच सेवा: मार्च 2025 तक 100% भौगोलिक कवरेज प्राप्त।
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दूरदर्शन फ्री डिश चैनल: 2004 में 33 से बढ़कर 2025 में 381 चैनल।
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ऑल इंडिया रेडियो (AIR): मार्च 2025 तक 98% जनसंख्या कवरेज, रेडियो स्टेशनों की संख्या 591।
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निजी सैटेलाइट टीवी चैनल: 2004-05 में 130 से बढ़कर 2024-25 में 908।
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निजी एफएम स्टेशन: 2001 में 4 से बढ़कर 2024 तक 388।
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सामुदायिक रेडियो स्टेशन (CRS): 2005 में 15 से बढ़कर 2025 में 531।
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भारतीय फीचर फिल्में: 1983 में 741 से बढ़कर 2024-25 में 3455 प्रमाणित फिल्में, कुल आंकड़ा 69,113 तक पहुंचा।
इसके अतिरिक्त, पुस्तिका में उपलब्ध हैं:
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अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों, पुरस्कारों और एनएफडीसी द्वारा निर्मित वृत्तचित्रों की जानकारी।
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डिजिटल मीडिया और क्रिएटर इकोनॉमी के तहत वेव्स ओटीटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजीज (IICT) और क्रिएट इन इंडिया चैलेंज (CIC) का विवरण।
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ऐतिहासिक कार्यक्रमों और मंत्रालय द्वारा संचालित कौशल पाठ्यक्रमों की रूपरेखा।
यह हैंडबुक नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, उद्योग से जुड़े हितधारकों और विद्यार्थियों के लिए उपयोगी संसाधन साबित होगी। यह न केवल वर्तमान परिदृश्य का मूल्यांकन करती है, बल्कि भविष्य की संभावनाओं की दिशा भी तय करती है।