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Address by Union Home Minister on the 150th anniversary of Shri Lakshmi Narayana Temple in Mumbai

मुंबई में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की 150वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय गृहमंत्री का संबोधन


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। महाराष्ट्र के मुंबई स्थित माधवबाग में श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर की 150वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित समारोह में आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। इस ऐतिहासिक अवसर पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री श्री एकनाथ शिंदे सहित कई गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

अपने संबोधन में श्री शाह ने कहा कि यह मंदिर न केवल आस्था का केंद्र है, बल्कि बीते 150 वर्षों से समाज सेवा और सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण का माध्यम भी रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी शासन काल में, 1875 में, श्री वरजीवनदास और नरोत्तमभाई जैसे महान व्यक्तित्वों ने इस मंदिर की स्थापना कर समाज के प्रति अपनी उदार भावना का परिचय दिया।

अमित शाह ने बताया कि इस मंदिर परिसर में शिक्षा, गीता पाठ और संस्कृत विद्यालय जैसे सामाजिक कार्यों की एक समृद्ध परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि माधवबाग ट्रस्ट “शुचिता, संतुलन और सत्कर्म” की त्रिवेणी है और यह परंपरा आने वाले वर्षों में और अधिक सशक्त रूप ले सकती है। श्री शाह ने सुझाव दिया कि जब यह ट्रस्ट अपनी 200वीं वर्षगांठ मनाए, तब इसे मध्यमवर्गीय समाज की समस्याओं का समाधान करने वाला एक धार्मिक और स्वास्थ्य सेवा केंद्र के रूप में विकसित किया जा सकता है।

अपने वक्तव्य में श्री शाह ने “ऑपरेशन सिंदूर” का ज़िक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सैन्य कार्रवाई को यह नाम देकर दुनिया को सिंदूर के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि आतंकियों के घर में घुसकर उनकी कमर तोड़ना और भारत की मातृशक्ति को सम्मान दिलाना भारत की नई नीति और संकल्प का प्रतीक है।

इस अवसर पर श्री शाह ने माधवबाग ट्रस्ट की सेवाओं की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणा स्रोत बताया और इसके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।