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Big relief to tobacco farmers: Now registration and threshing license valid for 3 years

तम्बाकू किसानों को बड़ी राहत: अब पंजीकरण और खलिहान लाइसेंस 3 साल तक वैध

अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। तम्बाकू किसानों के लिए एक बड़ी राहत की घोषणा करते हुए केंद्र सरकार ने वर्जीनिया तम्बाकू उत्पादकों के पंजीकरण और खलिहानों के संचालन के लिए आवश्यक लाइसेंस की वैधता अवधि को एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष कर दिया है। यह कदम ‘कारोबार में आसानी’ को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।

अब किसानों को हर साल पंजीकरण और लाइसेंस नवीनीकरण की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। इसके बजाय, वे तीन साल में केवल एक बार ही इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे, जिससे समय, श्रम और लागत में बचत होगी। यह निर्णय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा अधिसूचित किया गया है और इसके लिए तंबाकू बोर्ड नियम, 1976 के संबंधित उप-नियमों में संशोधन किया गया है।

यह संशोधन विशेष रूप से आंध्र प्रदेश राज्य में 2025-26 के फसल मौसम से लागू होगा, जिससे पूरे देश के लगभग 83,500 वर्जीनिया तम्बाकू उत्पादक किसानों को लाभ होगा। इनमें आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और ओडिशा राज्यों के करीब 91,000 खलिहान शामिल हैं।

वर्तमान में, वर्जीनिया तम्बाकू की खेती करने के इच्छुक प्रत्येक किसान को तंबाकू बोर्ड अधिनियम, 1975 के अंतर्गत पंजीकरण और खलिहान संचालन के लिए लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है। पहले यह प्रक्रिया सालाना होती थी, लेकिन अब इसमें तीन वर्ष की अवधि शामिल कर दी गई है।

भारत विश्व में कच्चे तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक और मूल्य के आधार पर चौथा सबसे बड़ा निर्यातक है। वर्ष 2024-25 के दौरान, भारत ने तम्बाकू निर्यात से 1979 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग ₹16,728 करोड़) की विदेशी मुद्रा अर्जित की है, जो देश की अर्थव्यवस्था में एक अहम योगदान है।

सरकार के इस निर्णय से न केवल किसानों की प्रशासनिक जटिलताओं में कमी आएगी, बल्कि निर्यात क्षेत्र में प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़ेगी। तंबाकू उत्पादकों ने इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे एक दूरदर्शी और किसान हितैषी पहल बताया है।