राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की छठी बैठक नई दिल्ली में संपन्न, ‘वोकल फॉर लोकल’ और डिजिटल सशक्तिकरण पर रहा फोकस
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली, 20 मई 2025 — राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड (एनटीडब्ल्यूबी) की छठी बैठक आज वाणिज्य भवन, नई दिल्ली में आयोजित की गई। बैठक में देश के खुदरा व्यापार क्षेत्र की मजबूती, व्यापारी हितों की सुरक्षा और डिजिटल समावेशन जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। इस बैठक की अध्यक्षता एनटीडब्ल्यूबी के अध्यक्ष श्री सुनील जे. सिंघी ने की।
बैठक के दौरान उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के संयुक्त सचिव श्री संजीव ने खुदरा व्यापार के भारतीय अर्थव्यवस्था में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति का निर्माण जमीनी स्तर की भागीदारी से ही संभव है। उन्होंने बोर्ड के सदस्यों से रचनात्मक और समावेशी सुझाव देने का आग्रह किया।
श्री सिंघी ने केंद्रीय बजट 2025-26 में व्यापारियों और एमएसएमई के हित में की गई घोषणाओं का उल्लेख किया, जिनमें नियामक प्रक्रियाओं के सरलीकरण, वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार एक सशक्त व्यापार इको-सिस्टम विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर “राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड की यात्रा” नामक एक विशेष पत्रिका का भी विमोचन किया गया।
बैठक का मुख्य आकर्षण ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल रही, जिसका उद्देश्य देश के स्वदेशी उद्योगों और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है। श्री सिंघी ने बोर्ड के सभी सदस्यों से इस अभियान को अपने-अपने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सक्रिय रूप से बढ़ावा देने का आग्रह किया। बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने इस अभियान के राजदूत के रूप में कार्य करने की प्रतीकात्मक शपथ भी ली।
डिजिटल परिवर्तन की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए श्री सिंघी ने छोटे व्यापारियों को सशक्त बनाने के लिए ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) जैसे प्लेटफार्मों को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफार्म छोटे खुदरा विक्रेताओं को व्यापक बाजार तक पहुंच और आय के नए अवसर प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने सदस्यों से स्थानीय व्यापारियों को ऐसे डिजिटल नेटवर्क से जोड़ने में सहयोग करने की अपील की।
उन्होंने यह भी बताया कि व्यापार संघों और बोर्ड के सदस्यों से प्राप्त अभ्यावेदनों को उचित कार्रवाई हेतु संबंधित मंत्रालयों और विभागों को भेजा गया है। साथ ही, उन्होंने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए और सुझाव आमंत्रित किए।
इस बैठक में केंद्र सरकार द्वारा नामित गैर-सरकारी सदस्य, जो विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और व्यापार संघों का प्रतिनिधित्व करते हैं, के साथ-साथ भारत सरकार के नौ प्रमुख मंत्रालयों एवं विभागों के पदेन सदस्य भी उपस्थित रहे।