एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में योगासन को मिली औपचारिक मान्यता
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
नई दिल्ली। आयुष मंत्रालय और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय नेआज एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में योगासन को एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में औपचारिक मान्यता देने की घोषणा की।केन्द्रीय आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीपद नाइक और युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री किरेन रिजिजू ने नई दिल्ली में संयुक्त प्रेस वार्ता आयोजित की।
प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए, श्री नाइक ने योगासन प्रतियोगिताओं को भारतीय योग परंपरा का हिस्सा बताया, जहां सदियों से ऐसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती रही हैं।उन्होंने कहा कि आज भी कई स्तरों पर ऐसी प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है, लेकिन प्रतियोगिताओं को राष्ट्रीय पटल पर उभरने के लिए मजबूत और दीर्घकालिक स्वरूप का सामने आना बाकी है।उन्होंने आगे कहा कि योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में मान्यता देने का सरकार का फैसला योग क्षेत्र के हितधारकों के साथ 3-4 साल के व्यापक विचार-विमर्श के बाद लिया गया है।मंत्री जी ने कहा कि योगासन योग का एक अभिन्न और महत्वपूर्ण अंग है, जो सामाजिक मनोविज्ञान की प्रकृति है और फिटेनसव सामान्य स्वास्थ्य में अपनी प्रभावकारिता के लिए दुनिया भर में लोकप्रिय है।
उन्होंने आगे कहा कि “योगासन के एक खेल बनने से, नई तकनीकें और नई रणनीतियां अनुशासित रूप से शामिल होना सुनिश्चित होगा, जिससे हमारे खिलाड़ियों और अधिकारियों को इस क्षेत्र में बेहतर करियर बनाने का लाभ मिलेगा”।