NITI Aayog and World Food Programme release compendium of inspiring stories on millets

नीति आयोग और विश्व खाद्य कार्यक्रम ने मोटा अनाज पर प्रेरक कहानियों का संग्रह जारी किया


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। भारत सहित एशियाई और अफ्रीकी देशों के अनुभवों को प्रदर्शित करने वाली क्षेत्रीय कहानियों का एक संग्रह आज नई दिल्ली में जारी किया गया। यह सार-संग्रह दुनिया भर में मोटा अनाज को अपनाने में क्षमता निर्माण और सर्वाेत्तम प्रथाओं को बढ़ाने में सहायता करेगा। यह नीति आयोग और विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के सहयोग से जुलाई 2022 में शुरू की गई एशिया और अफ्रीका में मोटा अनाज मुख्यधारा के लिए अच्छी प्रथाओं का मानचित्रण और आदान-प्रदान (एमईजीपी) पहल के सफल कार्यान्वयन का भी प्रतीक है।
नीति आयोग के उपाध्यक्ष, सुमन बेरी ने सार संग्रह जारी करने के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि , “भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष 2023 के दौरान जलवायु सुगमता, खाद्य सुरक्षा और छोटे किसानों, विशेषकर महिलाओं की आजीविका के लिए मोटा अनाज को सफलतापूर्वक प्रोत्साह प्रदान किया है। मोटा अनाज पर ये कहानियाँ मुख्यधारा में लाने से अभ्यासकर्ताओं और संस्थानों को एक साथ लाई गई विविध अच्छी प्रथाओं से सीखने के लिए प्रेरणा मिलेगी।उन्होंने कहा कि मोटा अनाज को और भी अधिक फैशनेबल और लोकप्रिय बनाया जाना चाहिए क्योंकि ये विशेषरूप से स्वास्थ्य के लिए लाभ हैं।इस सार-संग्रह में विभिन्न देशों को मोटा अनाज जैसी पारंपरिक जलवायु सुगम फसलों को सीखने और निवेश करने में मदद करने के लिए प्रेरणादायक विषय पर कहानियां सम्मिलित हैं।
भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) की कंट्री डायरेक्टर, एलिजाबेथ फॉरे ने इस बात पर बल देते हुए कहा, “छोटे किसानों की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञ तैनाती, ज्ञान हस्तांतरण, नीति संवाद और अध्ययन दौरों के माध्यम से सहयोग भारत में विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति है। यह संग्रह मोटा अनाज को मुख्यधारा की खाद्य प्रणालियों में एकीकृत करने के लिए एक संदर्भ के रूप में कार्य करेगा, जो नीति संवादों के माध्यम से सूचित निर्णय लेने और आदान-प्रदान करने के लिए अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा। संग्रह के जारी करने के दौरान खुली चर्चा में जो कुछ क्षेत्र सामान्य रूप से सामने आए उनमें मुख्य भोजन के रूप में मोटा अनाज को प्रोत्साहन देना, मोटा अनाज के माध्यम से आहार विविधीकरण और निवेश और उत्पादकता में केंद्रित वृद्धि सम्मिलित है।
संग्रह जारी करने और इस दौरान चर्चा में प्रदन्या पैठनकर, प्रमुख इकाई-जलवायु परिवर्तन, सुगम खाद्य प्रणाली और डीआरआर, डब्ल्यूएफपी, डॉ. राजेश्वर चंदेल, कुलपति, डॉ. वाई.एस. परमार बागवानी और वानिकी विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश, संजय अग्रवाल, सहायक महानिदेशक, आईसीआरआईएसएटी और शेफ मंजीत गिल, अध्यक्ष, इंडियन फेडरेशन ऑफ क्यूलिनरी एसोसिएशन भी उपस्थित थे।