जनपद अयोध्या में 661 करोड़ की 50 विकास परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद अयोध्या में 661 करोड़ 11 लाख रुपए की लागत की 50 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें 105 करोड़ रुपए लागत की 26 परियोजनाओं का लोकार्पण तथा 556.11 करोड़ रुपए 24 परियोजनाओं का शिलान्यास शामिल हैं। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से आगामी होली तक निःशुल्क खाद्यान्न दिए जाने की घोषणा की। ज्ञातव्य है कि इस योजना के तहत प्रदेश के 15 करोड़ जरूरतमन्द लाभान्वित होंगे। इसके अलावा, अन्त्योदय कार्डधारकों को मिलने वाले खाद्यान्न के तहत चावल, गेहूं ही नहीं, बल्कि 01 किलो दाल, 01 लीटरखाद्य तेल, 01 किलो नमक और 01 किलो चीनी निःशुल्क दी जाएगी। साथ ही, पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को मिलने वाले खाद्यान्न में 01 किलो दाल, 01 लीटर खाद्य तेल और 01 किलो नमक भी निःशुल्क दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री आज जनपद अयोध्या के रामकथा पार्क में दीपावली के अवसर पर आयोजित पंचम ‘दीपोत्सव-2021’ कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने दीपावली पर्व की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा, सन्तों के सहयोग, जनता व जनप्रतिनिधियों की सहभागिता से वर्ष 2017 में आयोजित प्रथम दीपोत्सव ने आज भव्य और दिव्य रूप ग्रहण कर लिया है।
यह एक सफल और विषिष्ट आयोजन बन चुका है। ‘दीपोत्सव’ महान उत्सव का क्षण है, दिव्यता और भव्यता का प्रतीक है। दीपोत्सव भगवान श्रीराम के 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या आगमन की स्मृति से जुड़ता है। उन्होंने कहा कि दीपोत्सव अयोध्या नगरी की देन है। पूर्व में यह आयोजन नहीं होता था, लेकिन वर्तमान सरकार के कार्यकाल में इस आयोजन को प्रारम्भ कर अयोध्या को उसकी पहचान दिलाने का कार्य किया गया है। यह आयोजन न सिर्फ अयोध्या बल्कि पूरे प्रदेश के विभिन्न नगरों में भी भव्यता और दिव्यता के साथ मनाया जाने लगा है। इस आयोजन से लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं और उन भावनाओं की तेजी ने अयोध्या की तस्वीर को बदला है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या सप्तपुरियों में से पहली पुरी मानी जाती है। जहां पंचकोसी, चौदहकोसी और चौरासीकोसी परिक्रमा मार्ग के साथ-साथ कनक भवन, रामकोट, नागेष्वरनाथ मन्दिर, हनुमानगढ़ी, छोटी देवकाली मन्दिर, मणि पर्वत आदि को भी विकसित किया जा रहा है। इनके लिए धनराषि उपलब्ध करायी जा चुकी है तथा आगे भी आवश्यकतानुसार धनराषि उपलब्ध करायी जाएगी। इन स्थलों के बदलाव को शीघ्र ही दुनिया देखेगी।