केरल: छात्रावास वार्डन की प्रताड़ना के चलते नर्सिंग छात्रा की मौत, NHRC ने लिया स्वतः संज्ञान
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
कासरगोड, केरल। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने केरल के कासरगोड जिले में एक नर्सिंग छात्रा की कथित आत्महत्या और तीन महीने तक कोमा में रहने के बाद हुई मौत पर स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने इस मामले में केरल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक (DGP) को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।
क्या है पूरा मामला?
22 मार्च 2025 को कासरगोड जिले के एक छात्रावास में रहने वाली तीसरे वर्ष की नर्सिंग छात्रा ने वार्डन द्वारा कथित उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास किया था। छात्रा को गंभीर हालत में मंगलुरु के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, फिर उसे कोझीकोड मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया, जहां तीन महीने तक कोमा में रहने के बाद उसकी मृत्यु हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्रा के सहपाठियों ने आरोप लगाया कि छात्रावास प्रबंधन ने उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उनका कहना है कि छात्रा को मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के बावजूद वार्डन द्वारा लगातार परेशान किया जाता था।
NHRC ने जताई गंभीर चिंता
एनएचआरसी ने इस मामले को मानवाधिकारों के गंभीर उल्लंघन से जुड़ा बताते हुए कहा कि यदि मीडिया रिपोर्ट्स की बातें सही हैं, तो यह छात्रा के अधिकारों का स्पष्ट हनन है। आयोग ने राज्य प्रशासन को नोटिस जारी कर मामले की विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है।
इस घटना ने केरल में छात्रावासों में सुरक्षा और प्रबंधन से जुड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। सामाजिक संगठनों और छात्र संघों ने इस मामले में त्वरित न्याय की मांग की है।