नहीं रहे लालजी टंडन, उत्तर प्रदेश में 3 दिन व मध्यप्रदेश में पांच दिन का राजकीय शोक
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
मुख्यमंत्री ने म0प्र0 के राज्यपाल श्री लालजी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया
श्री लालजी टंडन के निधन पर देश ने एक लोकप्रिय जननेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी खोया है
उत्तर प्रदेश सरकार ने की 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा
लखनऊ। 21 जुलाई 2020 को म0प्र0 के राज्यपाल श्री लालजी टंडन का निधन हो गया है। दानों प्रदेश व उनकी की राजधानियों में शोक की लहर व्याप्त है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मध्य प्रदेश के राज्यपाल श्री लालजी टंडन के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने उनके पुत्र आशुतोष टंडन से वार्ता कर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि श्री लालजी टंडन के निधन पर देश ने एक लोकप्रिय जननेता, योग्य प्रशासक एवं प्रखर समाज सेवी को खोया है। उन्होंने कहा कि श्री लालजी टंडन लखनऊ के प्राण ही थे। मुख्यमंत्री जी ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करते हुए स्वर्गीय श्री लालजी टंडन के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।
उललेखनीय है कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से उनके बहुत करीबे रिश्ते थे। वह यूपी बीजेपी के एक कद्दावर नेता थे। लालजी टंडन का राजनीतिक करियर पार्षद बनने से शुरू हुआ था। उनके राजनीतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव आए। कहा जाता है कि उनके पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी से बहुत करीबी संबंध थे। लालजी टंडन के कई करीबी लोगों ने बताया कि वे अटल जी को दोस्त, पिता और भाई सब मानते थे।
पाठको को जानना चाहिए कि 1952, 1957 और 1962 तक लगातार तीन चुनाव में लगातार मिली हार ने अटल जी का दिल लखनऊ से टूट गया। 1991 में उन्होंने यहां से चुनाव लड़ने से पार्टी के आला कमान व अपने प्रशंसकों को मना कर दिया था। जब लालजी ने वजह पूछी तो उन्होंने हंसते हुए कहा था कि अभी भी बताने को कुछ बाकी है? तब उस समय लालजी ने उन्हें वह चुनाव लड़ने की जरूरत बताई और साथ ही उन्हें भरोसा दिलाया कि लखनऊ अब उनके साथ है। वह सिर्फ नामांकन भरने के लिए आएं, बाकी चुनाव की जिम्मेवारी हम पर छोड़ दें। अटल जी मान गए और चुनाव जीत गए।
श्री टंडन का जन्म 12 अप्रैल, 1935 में लखनऊ में हुआ था। अपने शुरु के जीवन में लालजी टंडन आरएसएस से जुड़ गए। उन्होंने कालीचरण डिग्री कॉलेज लखनऊ से स्नातक किया। श्री टंडन की 26 फरवरी को शादी 1958 में कृष्णा टंडन के साथ हुआ। लालजी टंडन के तीन बेटे हैं, एक बेटा गोपालजी टंडन यूपी सरकार में मंत्री भी है। श्री टंडन 1996 से 2009 तक लगातार तीन बार विधायक का चुनाव जीते थे। 1997 में वह नगर विकास मंत्री भी रहे। फिर वर्ष 2009 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के उपरान्त लखनऊ की लोकसभा सीट खाली हुई तब लालजी टंडन ने यहां से चुनाव लड़ा। 2018 में वे बिहार के राज्यपाल व फिर बाद में मध्य प्रदेश का राज्यपाल बने।
एक सरकारी प्रवक्ता द्वारा यह बताया गया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है। मध्यप्रदेश में पांच दिन 21 से 25 जुलाई तक राजकीय शोक घोषित किया गया है।