गोशालाओं की स्थिति और बेहतर करने जोर
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग की कोर समिति की महत्वपूर्ण बैठक दिनांक 8 अप्रैल 2025 को आयोग के अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी गुप्ता जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सभी सदस्यों ने स्पष्ट कहा कि सिर्फ भ्रमण से गोशालाओं की स्थिति नहीं सुधरेगी। मुख्यमंत्री जी द्वारा सभी सदस्यों को भ्रमण कर सुधार लाने हेतु निर्देशित किया गया है। “भ्रमण से कार्यवाही की संभावना बनती है और प्रबंधन पर एक अनुशासनात्मक दबाव पैदा होता है।
उपाध्यक्ष महेश शुक्ल जी ने कहा कि वर्तमान में बीडीओ के पास पूर्ण वित्तीय नियंत्रण होता है और नोडल पशुचिकित्साधिकारी होता है जिसे संशोधित किया जाना समीचीन होगा। इससे पारदर्शिता व जवाबदेही दोनो सुनिश्चित होगी। किसी भी गोशाला को खोलने से पहले हरे चारे के लिए भूमि चिन्हित करना अनिवार्य होना चाहिए। केवल भूसा, चुन्नी और चोकर गोवंश के लिए पर्याप्त नहीं।
बैठक में सुझाव दिया गया कि प्राकृतिक कृषि व गो आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा, गोमूत्र व गोबर के संग्रहण एवं प्रसंस्करण की व्यवस्था की जाए। पंचगव्य उत्पाद, जैविक कीटनाशक एवं खाद का निर्माण आरंभ हो। प्राकृतिक कृषि बोर्ड में आयोग के सदस्य को मनोनीत किया गया है। 100 प्राकृतिक किसानों को ब्रांड एम्बेसडर बनाया जाए। मा0 मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना के अंतर्गत रूपये 50/गाय/दिन दिया जाता है। स्वेच्छा से गोवंश पालने वाले किसानों को सम्मानित किया जाए।
मंडल स्तरीय बैठक की कार्ययोजना अध्यक्ष श्री श्याम बिहारी गुप्ता जी द्वारा प्रस्तावित की गयी, जिसके तहत मॉडल किसानों के स्थलों का भ्रमण, समीक्षा बैठक का आयोजन किया जाए। इसके साथ ही प्रेस वार्ता करके पशुपालकों को जानकारी दी जाए। आगामी कार्यवाही की विस्तृत योजना भी तैयार कराई जाए, इसके अलावा बायोगैस प्लांट का राज्यव्यापी प्रचार-प्रसार कराया जाए। अब मात्र 15,000 रूपये से कम लागत वाले बायोगैस प्लांट उपलब्ध हैं। हर ग्राम को स्वच्छ ऊर्जा से जोड़ना आवश्यक है।
उपाध्यक्ष श्री अतुल सिंह जी ने कहा कि “आयोग के गतिविधियों की जानकारी लोगों को होनी चाहिए, जिससे जनता को सरकार की नीतियों और कार्यक्रमों की जानकारी हो। गो सेवा अब केवल रक्षण का विषय नहीं, यह एक सामाजिक, आर्थिक और कृषि सुधार का आंदोलन बन चुका है। आयोग का उद्देश्य स्पष्ट है पारदर्शिता, जवाबदेही और जनविश्वास के साथ व्यवस्था का पुर्ननिर्माण। जहां लापरवाही होगी वहां सख्त कार्यवाही होगी। जहां नवाचार और निष्ठा होगी वहां सहयोग और सम्मान मिलेगा।