मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के विरोध में हिंसा, तीन की मौत, हालात अब काबू में
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
मुर्शिदाबाद, पश्चिम बंगाल – पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा ने जिले में तनाव का माहौल बना दिया है। अब तक इस हिंसा में तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हिंसा के डर से सैकड़ों लोग अपने घर छोड़कर मालदा जिले में शरण लेने को मजबूर हुए थे। हालांकि, प्रशासन की तत्परता और सुरक्षा व्यवस्था के चलते अब स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है और लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं।
हिंसा की जड़ें केंद्र सरकार द्वारा पारित वक्फ संशोधन कानून में हैं, जिसका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप धारण कर लिया। पुलिस को मिली जानकारी के अनुसार, इस हिंसा में विदेशी कट्टरपंथी संगठनों, विशेष रूप से बांग्लादेश आधारित एसडीपीआई (SDPI), की संलिप्तता की आशंका जताई जा रही है। मामले में अब तक 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी हैं। पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है और अफवाहों पर रोक लगाने के लिए लोगों से संयम बरतने की अपील की है। एडीजी (कानून व्यवस्था) जावेद शमीम ने बताया कि शनिवार के बाद से कोई नई हिंसक घटना दर्ज नहीं हुई है और पुलिस की निगरानी में लोग अब सुरक्षित तरीके से अपने घर लौट रहे हैं।
इस मामले पर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा, “हर धर्म और जाति को विरोध का अधिकार है, लेकिन कानून को हाथ में लेना सही नहीं है।” वहीं, भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से कराने की मांग की है।
फिलहाल, इलाके में हालात नियंत्रण में हैं लेकिन प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां अब भी सतर्क हैं। बाहरी तत्वों की भूमिका और अफवाहों की वजह से हालात न बिगड़ें, इसके लिए निगरानी तेज कर दी गई है।