Theaters will be closed again, multiplexes will open in multiplexless districts

फिर से शुरू होंगे बंद सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स विहीन जनपदों में खुलेंगे मल्टीप्लेक्स


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


लखनऊ। योगी कैबिनेट ने एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए प्रदेश में बंद पड़े सिनेमाघर को पुनः संचालित किए जाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही मल्टीप्लेक्स विहीन जनपदों में जल्द से जल्द मल्टीप्लेक्स निर्माण को प्रोत्साहित करने, एकल स्क्रीन सिनेमाघरों के निर्माण को प्रोत्साहित करने एवं संचालित सिनेमाघरों के उच्चीकरण हेतु समेकित प्रोत्साहन योजना को मंजूरी प्रदान की है। यह योजना 5 वर्ष तक प्रभावी रहेगी। प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने इस बारे में बताया कि प्रदेश में बन्द एकल छविगृह, संचालित सिनेमाघरों का पुनर्निर्माण व रिमॉडल करवाने व मल्टीप्लेक्स विहीन जनपद, मल्टीप्लेक्स के निर्माण हेतु तथा सिनेमाओं के उच्चीकरण हेतु समेकित प्रोत्साहन योजना लागू की जा रही है। सिनेमाघर मल्टीप्लेक्स द्वारा राजकोष में जमा की गयी एसजीएसटी से प्रस्तावित अनुदान दिया जायेगा, जिससे राज्य सरकार पर कोई अतिरिक्त व्यय भार नहीं आयेगा।

योजना ज़ारी होने की तिथि से 05 वर्ष के अन्दर बंद अथवा संचालित सिनेमा को तोड़कर व्यावसायिक काम्पलेक्स तथा आधुनिक सिनेमा निर्माण के लिए प्रथम 3 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 100 प्रतिशत तथा अगले 2 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 75 प्रतिशत। योजना जारी होने की तिथि से 05 वर्ष के अन्दर बंद या संचालित सिनेमा भवन की आन्तरिक संरचना में परिवर्तन कर पुनः संचालित करने अथवा स्क्रीन की संख्या में वृद्धि करने के लिए प्रथम 3 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 75 प्रतिशत तथा अगले 2 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 50 प्रतिशत। बंद एकल सिनेमाघरों को बिना किसी आन्तरिक संरचना में परिवर्तन किये पुनः 31 मार्च 2025 तक जिला मजिस्ट्रेट से लाइसेंस प्राप्त कर फिल्म प्रदर्शन करने पर प्रथम 3 वर्ष एकत्रित एसजीएसटी का 50 प्रतिशत।

योगी सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवाओं को उद्योग का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि आईटी व आईटीएस क्षेत्र की तीव्र वृद्धि में सहायता के लिए राज्य को परिवर्तनकारी सुधारों को कार्यान्वित किए जाने की आवश्यकता है। इन सुधारों का उद्देश्य आईटी और आईटीएस क्षेत्र को उद्योग का दर्जा दिया जाना है। आवासीय विकास प्राधिकरणों तथा औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में औद्योगिक श्रेणी के अन्तर्गत वर्गीकृत भूमि को आईटी व आईटीईएस क्षेत्र की इकाइयों को औद्योगिक दर पर भूमि आवंटन की सुविधा प्रदान करने से आईटी व आईटीईएस इकाइयों को भूमि उपलब्धता में सुगमता होगी। आईटी व आईटीईएस क्षेत्र की नई क्रियाशील इकाईयों, जिनका न्यूनतम लोड 150 है, को औद्योगिक दरों पर विद्युत उपलब्ध कराए जाने से उनकी लाभप्रदता बढ़ाने में मदद मिलेगी और उत्तर प्रदेश राज्य आईटी व आईटीईएस क्षेत्र में अधिक निवेश आकृष्ट करने में सक्षम होगा। इस प्रकार के पुनर्वर्गीकरण से उत्तर प्रदेश में प्रचलित दरों के अनुसार इस क्षेत्र के लिए विद्युत की लागत में लगभग 18 प्रतिशत की बचत होगी।