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VaranasiFive-day vocational training on 'Natural Farming and Value Addition of Leafy Vegetables and Amla' concluded

‘प्राकृतिक खेती और पत्तेदार सब्जियों व आंवला का मूल्य संवर्धन’ विषय पर पांच-पांच दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण संपन्न


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


वाराणसी। दिनांक 30 दिसंबर, 2022 को आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कल्लीपुर, वाराणसी में ‘प्राकृतिक खेती और पत्तेदार सब्जियों व आंवला का मूल्य संवर्धन’ विषय पर पांच-पांच दिवसीय व्यवसायिक प्रशिक्षण सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉक्टर नरेंद्र रघुवंशी जी ने अपने संवाद में किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए उसके घटकों के बारे में बताया। जैसे बीजामृत, जीवामृत तथा घनजीवामृत बनाने की विधि तथा फसलों में प्रयोग करने का तरीका।

साथ ही मूल्य संवर्धन विषय पर डॉ. रघुवंशी ने महिलाओं को मौसमी फलों व सब्जियों का मूल्य संवर्धन करने की सलाह दी। आंवला, हरी मिर्च, मूली मिक्स सब्जियों का मूल्य संवर्धन करने की विधि भी केंद्र द्वारा बताई गई। इसी क्रम में केंद्र के वैज्ञानिक प्रकाश सिंह ने फसलों में लगने वाले कीट एवं व्याधियों के निवारण हेतु प्राकृतिक कीटनाशक नीमास्त्र, अग्नियास्त्र, ब्रह्मास्त्र तथा दशपर्णी अर्क को बनाने तथा उसके प्रयोग के बारे में बताया। गृह वैज्ञानिक डॉ. प्रतीक्षा सिंह व उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ. मनीष मूल्य संवर्धन का व्यवहारिक प्रशिक्षण करवाया जिसमें मुरब्बा, अचार आदि बनवाया गया।

केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. राहुल कुमार सिंह ने जानकारी दी कि प्राकृतिक खेती से मृदा में कार्बनिक पदार्थ को कैसे बढ़ाएं जिससे पौधे पोषक तत्वों को आसानी से ग्रहण करने में सक्षम हो सकें। उन्होंने सुझाया कि प्राकृतिक खेती को यदि किसान अपनी कृषि पद्धति का एक हिस्सा बनाता है तो उसकी लागत दिन प्रतिदिन कम होती जाएगी और उत्पादन में लगातार बढ़ोतरी होती रहेगी।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. नवीन कुमार सिंह, डॉ. अमितेश कुमार सिंह तथा राणा पीयूष सिंह आदि गणमान्य उपस्थित रहे।