Memorandum addressed to the Home Minister to clear the movement of farmers unconstitutional

किसानों का आन्दोलन असंवैधानिक, रास्ता खाली कराने के लिए गृहमंत्री को संबोधत कर दिया गया ज्ञापन


अनिवार्य प्रश्न । ब्यूरो संवाद


वाराणसी। किसानों द्वारा अपनी मांग के लिए रास्ता रोकने के कार्य को गैर कानूनी ठहराते हुए रास्ता खाली कराने के लिए गृहमंत्री को संबोधित ज्ञापन एडीएम (वित्त एवं राजस्व) रणविजय सिंह को सौपा गया। वरिष्ठ अधिवक्ता कमलेश चन्द्र त्रिपाठी के नेतृत्व में अधिवक्ताओं के एक संगठन व इंडिया विथ विज्डम ग्रुप ने किसानों के मार्ग रोक कर विरोध प्रदर्शन करने को आम नागरिक के अधिकार का अतिक्रमण ठहराया है।

श्री त्रिपाठी के अनुसार ‘आंदोलन, धरना व विरोध प्रदर्शन हेतु भीड़ के बल पर सार्वजनिक स्थलों व मार्गो को बंद कर लोगों के निर्बाध, सुगम व सुरक्षित आवागमन के मूल अधिकारों से वंचित करने का कार्य आपराधिक व अराजकता है। इस कृत्य को रोकने हेतु माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा शाहीनबाग के अवैध धरना-प्रदर्शन के मामले में विगत 7 अक्टूबर 2020 को दिए गए एक निर्णय व आदेश में किसी आम रास्ते को रोक कर विरोध जताना असंवैधानिक करार दिया गया था।

उक्त आदेश का संदर्भ लेकर संगठन का कहना था कि कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर दिल्ली को जोड़ने वाले पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के हाइवे व सार्वजनिक मार्गो को भीड़ व गुंडागर्दी के बल पर कब्जा करके कई दिनों से बंद करने वाले अराजक किसान आंदोलनकारियों पर अधिकतम बल प्रयोग कर तत्काल दिल्ली को जोड़ने वाले हाइवे व अन्य सार्वजनिक मार्गो को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाये। संगठन ने अपनी मांग का एक ज्ञापन पत्र केंद्रीय गृहमंत्री भारत सरकार, मुख्यमंत्री उ.प्र. सरकार व डी.जी.पी. पंजाब व हरियाणा राज्य से करते हुए एडीएम (वित्त एवं राजस्व) रणविजय सिंह को सौपा है।

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