ट्रांसजेंडर लोगों के कल्याण के लिए किया गया राष्ट्रीय परिषद का गठन
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर लोगों के कल्याण के लिए राष्ट्रीय परिषद का गठन किया है । ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 (2019 का 40) की धारा 16 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार ने ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए एक राष्ट्रीय परिषद का गठन किया गया है। जिसकी अधिसूचना 21 अगस्त, 2020 को जारी की गई है। केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री इसके अध्यक्ष (पदेन)और केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री इसके उपाध्यक्ष (पदेन)होंगे।
सरकारी सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय परिषद निम्नलिखित कार्य करेगा जिसमें ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के संबंध में नीतियों,कार्यक्रमों,कानून और परियोजनाओं के निर्माण पर केंद्र सरकार को सलाह देना; ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की समानता और पूर्ण भागीदारी हासिल करने के लिए बनाई गई नीतियों और कार्यक्रमों के प्रभाव की निगरानी और मूल्यांकन करना; ट्रांसजेंडर व्यक्तियों से संबंधित मामलों से जुड़े सभी सरकारी विभागों और अन्य सरकारी तथा गैर-सरकारी संगठनों की गतिविधियों की समीक्षा और समन्वय करना; ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की शिकायतों का निवारण करना; केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए गए ऐसे ही अन्य कार्यों को पूरा करना प्रमुख है।
परिषद के अन्य सदस्यों में विभिन्न मंत्रालयों / विभागों के प्रतिनिधि,ट्रांसजेंडर समुदाय के पांच प्रतिनिधि, एनएचआरसी और एनसीडब्ल्यूके प्रतिनिधि, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि और गैर-सरकारी संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले विशेषज्ञ शामिल हैं।
राष्ट्रीय परिषद का सदस्य,पदेन सदस्य के अलावा,अपने नामांकन की तारीख से तीन साल के लिए पद पर काम कर सकेगा।