कौन है सदगुरु?-डॉक्टर डी. आर. विश्वकर्मा

गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक चिंतन भारत की गणना एक ऋषि प्रधान देश में होती है। यहाँ की पावन धरा पर अनगिनत संत, महात्माओं, गुरुओं ने समय समय … Read More

आलेख: समाज में बढ़ता सेक्सटार्शन का अपराध

आलेख: प्रेम व व्यवहार के नाम पर सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बढ़ते पोर्नवाद और नग्नता के आधार पर वसूली तथा अन्य अपराध की विवेचना कर रहें हैं वरिष्ठ लेखक … Read More

आलेख : स्वर्ग में विचार-सभा का अधिवेशन

आलेख :भारतेंदु हरिश्चंद्र स्‍वामी दयानन्‍द सरस्‍वती और बाबू केशवचन्‍द्रसेन के स्‍वर्ग में जाने से वहां एक बहुत बड़ा आंदोलन हो गया। स्‍वर्गवासी लोगों में बहुतेरे तो इनसे घृणा करके धिक्‍कार … Read More

मुम्बई की कवयित्री सिंधवासिनी तिवारी सिंधु को दिया गया उद्गार साहित्य सम्मान

साहित्य समाज को और कविता कल्पना की भावुकता को दिशा देने में सक्षम-पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। आज 19 मई 2024 को उद्गार साहित्यिक, सांस्कृतिक व … Read More

आलेख: समाज में अच्छाई उस समय भी थी, सवर्ण विरोध प्रेमचंद की कुंठा थी

आलेख: प्रेमचंद की बहुतायत रचना में सवर्ण वर्ग का विरोध संवेदनशीलता की ओट में विस्तारित होते दिखाई देता है। हालांकि उनके रचना समय-समय में सवर्णों में अच्छे लोग भी थे। … Read More

आलेख: कॉफी पीने से फायदा भी होता है और नुकसान भी जाने फिर पियें

आलेख: रविन्द्र कुमार प्रजापति कॉफी, एक अन्य सामान्य वसा है जो कि लगभग सभी लोगों के लिए पसंदीदा है। इसका स्वाद, उसकी खुशबू, और उसका तेजी से सक्रिय करने वाला … Read More

आलेख: सूर्याेदय हॉस्पिटल में संवेदना का सूर्यास्त

आलेख: चिकित्सा व्यवस्था में व्याप्त अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और परिलक्षित आम आदमी के शोषण को आधार बनाकर उसकी समीक्षा करते हूए अपात्रों के हाथों से छीनकर उसके नियमन की अनिवार्यता की … Read More

आलेख : बाबू जगत सिंह ने की थी ब्रितानी हुकूमत के खिलाफ पहली बगावत

आलेख 1799 में काशी के बाबू जगत सिंह के नेतृत्व में हुई थी अग्रेजों के खिलाफ पहली जन क्रन्ति आज भी ब्रिटिश लाइब्रेरी के दस्तावेजों दर्ज है यह जनक्रान्ति द … Read More

काव्य पुस्तक ‘गीत रसाल’ का भव्य लोकार्पण हुआ संपन्न

  समृद्ध साहित्यिक अतीत से उद्भूत नवीन गीतों का कवि ने किया है मनोहारी अलंकरण – प्रकाशक पण्डित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ हिंदी साहित्य के लिये ‘गीत रसाल’ रस और छंदों … Read More

इस बार बसंत को प्रभु श्रीराम की अगवानी के लिए पौष में ही आना होगा – डॉ. चन्द्र भाल ‘सुकुमार’

स्तम्भ: ‘डायरी लिखनी है’: भाग एक रोज रात को सोने से पहले डायरी लिखने की मेरी पुरानी आदत है। कभी भूल भी जाता हूँ तो धर्मपत्नी याद दिला देती हैं। … Read More