कौन है सदगुरु?-डॉक्टर डी. आर. विश्वकर्मा
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक चिंतन भारत की गणना एक ऋषि प्रधान देश में होती है। यहाँ की पावन धरा पर अनगिनत संत, महात्माओं, गुरुओं ने समय समय … Read More
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर एक चिंतन भारत की गणना एक ऋषि प्रधान देश में होती है। यहाँ की पावन धरा पर अनगिनत संत, महात्माओं, गुरुओं ने समय समय … Read More
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। 16 जून 2024 को भोजूबीर के सरसौली स्थित ‘स्याही प्रकाशन’ के ‘उद्गार सभागार’ में साहित्यिक, सांस्कृतिक व सामाजिक संस्था ‘उद्गार’ के 100वीं मासिक कवि गोष्ठी … Read More
आलेख: प्रेम व व्यवहार के नाम पर सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बढ़ते पोर्नवाद और नग्नता के आधार पर वसूली तथा अन्य अपराध की विवेचना कर रहें हैं वरिष्ठ लेखक … Read More
हरिशंकर परसाई पाठकों, मैं वह हरिशंकर नहीं हूं, जो व्यंग्य वगैरह लिखा करता था। मेरे नाम, काम, धाम सब बदल गए हैं। मैं राजनीति में शिफ्ट हो गया हूं। बिहार … Read More
आलेख :भारतेंदु हरिश्चंद्र स्वामी दयानन्द सरस्वती और बाबू केशवचन्द्रसेन के स्वर्ग में जाने से वहां एक बहुत बड़ा आंदोलन हो गया। स्वर्गवासी लोगों में बहुतेरे तो इनसे घृणा करके धिक्कार … Read More
साहित्य समाज को और कविता कल्पना की भावुकता को दिशा देने में सक्षम-पंडित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद। वाराणसी। आज 19 मई 2024 को उद्गार साहित्यिक, सांस्कृतिक व … Read More
आलेख: प्रेमचंद की बहुतायत रचना में सवर्ण वर्ग का विरोध संवेदनशीलता की ओट में विस्तारित होते दिखाई देता है। हालांकि उनके रचना समय-समय में सवर्णों में अच्छे लोग भी थे। … Read More
आलेख: रविन्द्र कुमार प्रजापति कॉफी, एक अन्य सामान्य वसा है जो कि लगभग सभी लोगों के लिए पसंदीदा है। इसका स्वाद, उसकी खुशबू, और उसका तेजी से सक्रिय करने वाला … Read More
आलेख: चिकित्सा व्यवस्था में व्याप्त अव्यवस्था, भ्रष्टाचार और परिलक्षित आम आदमी के शोषण को आधार बनाकर उसकी समीक्षा करते हूए अपात्रों के हाथों से छीनकर उसके नियमन की अनिवार्यता की … Read More
ग़ज़ल: बचा लो गुज़रे समय की निशानियाँ अब भी सबक इन्हीं से तो लेती हैं पीढ़ियाँ अब भी। बची रही वहीं रिश्तों में गर्मियाँ अब भी जहाँ पे प्रेम की … Read More