PM Gati Shakti Multimodal Waterway Summit 2022 in Varanasi

पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन 2022 वाराणसी में


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली।अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका को और मजबूत करने के उद्देश्य से वाराणसी में ‘पीएम गति शक्ति मल्टीमॉडल जलमार्ग शिखर सम्मेलन 2022’ शुरू किया गया है। भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) के तत्वावधान में आयोजित यह 2 दिवसीय कार्यक्रम पीएम गति शक्ति एनएमपी, इसके घटकों और आर्थिक विकास के इंजन के रूप में उनके महत्व को और बढ़ाएगा।

इस कार्यक्रम में अपने संबोधन में केन्‍द्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि, “माननीय प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हम हर क्षेत्र में प्रगति कर रहे हैं और भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों ने लॉजिस्टिक प्रणाली में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। जब तक लॉजिस्टिक्स प्रणाली में सुधार नहीं होगा, तब तक हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं होगी। सरकार लॉजिस्टिक नीति के जरिए परियोजनाओं और योजनाओं को गति दे रही है। इसी नीति के बल पर आज हर राज्य विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है।“

उन्होंने कहा कि देश में 111 जलमार्ग हैं और सरकार ने लॉजिस्टिक में सुधार के लिए जो कदम उठाए हैं, उससे हमने भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है। इस शिखर सम्मेलन के माध्यम से विशेषज्ञों से होने वाली चर्चा और उनसे मिलने वाली सुझावों से राष्ट्र के विकास में और तेजी लाने में मदद मिलेगी।

इस शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “पीएम गति शक्ति योजना के माध्यम से हर क्षेत्र में हो रही प्रगति को पूरा देश देख रहा है। उत्तर प्रदेश इस योजना का एक प्रमुख लाभार्थी है और उसके पास पर्याप्त जल संसाधन उपलब्ध हैं जो विकास की गति को तेज करेंगे।”

भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के अध्यक्ष संजय बंदोपाध्याय ने कहा, “इस सम्मेलन का आयोजन उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा जलमार्ग को विभिन्न राज्यों और वहां परिवहन के विभिन्न साधनों के साथ एकीकृत करने के लिए किया जाता है। जेएमवीपी परियोजना के तहत, हमने वाराणसी से चार राज्यों से होते हुए हल्दिया तक कार्गो और यात्रियों को ले जाने की योजना बनाई है। फिर आईबीपी मार्ग का उपयोग करते हैं जो बांग्लादेश से होकर देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में जाता है। इस शिखर सम्मेलन के दौरान हुई चर्चा से हमें इसके लिए एक योजना और कार्यान्वयन कार्यक्रम को अंतिम रूप देने में मदद मिलेगी। शिखर सम्मेलन के दौरान उद्घाटन किए गए बुनियादी ढांचे और विभिन्न समझौता ज्ञापनों से अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन को मजबूत करने में मदद मिलेगी और वह भी हरित और टिकाऊ तरीके से।”

शिखर सम्मेलन में पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टरप्लान को डिकोड करने और औद्योगिक एवं वाणिज्यिक समूहों के लिए उन्नत मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी पर पूर्ण सत्र आयोजित किए गए। चर्चा सत्रों में केंद्र और राज्य सरकारों के राजनीतिक नेतृत्व और शीर्ष नौकरशाहों, उद्योग की प्रमुख हस्तियों तथा क्षेत्र के विशेषज्ञों ने देश के लॉजिस्टिक परितंत्र में अंतर्देशीय जलमार्गों की भूमिका को मजबूत करने के लिए प्रासंगिक विषयों पर विचार-विमर्श किया।

अंतरराज्यीय मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को मजबूत करने, क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ाने, लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाने और नदी क्रूज पर्यटन के लिए नए रास्ते तलाशने के लिए उत्तर प्रदेश और नेपाल एवं भूटान के साथ विशेष सत्र भी आयोजित किया गया था। ‘नेबरहुड फर्स्ट’ और ‘एक्ट ईस्ट’ नीतियों को बढ़ावा देने के लिए नेपाल, भूटान तथा बांग्लादेश के प्रतिनिधियों के साथ 20 (XX) एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए गए।

अंतर्देशीय जल और तटीय परिवहन के वास्ते व्यापार सुविधा केंद्र के लिए एक नई वेबसाइट भी शुरू की गई। इससे जलमार्ग और तटीय शिपिंग के उपयोगकर्ताओं को प्रासंगिक परिचालन और वाणिज्यिक जानकारी तक पहुंच आसान हो जाएगी।

शिखर सम्मेलन में असम के इलेक्ट्रिक-बैटरी चालित हाइब्रिड बेड़े (नौका) के लिए आईडब्ल्यूएआई और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए।

इस शिखर सम्मेलन को खालिद महमूद चौधरी, जहाजरानी राज्य मंत्री, बांग्लादेश सरकार; डॉ. तरुण कपूर, भारत के प्रधानमंत्री के सलाहकार; डॉ. संजीव रंजन, सचिव, बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय; अमित कुमार घोष, अतिरिक्त सचिव, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय; नवीन श्रीवास्तव, नेपाल में भारतीय राजदूत; डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा, भारत में नेपाल के राजदूत; कर्मा शेरिंग, सचिव, आर्थिक मामलों के मंत्रालय, भूटान सरकार; दयाशंकर सिंह, परिवहन मंत्री, उत्तर प्रदेश; शांतनु ठाकुर, बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग राज्य मंत्री, भारत सरकार जैसी बड़ी हस्तियों संबोधित किया और अपने बहुमूल्य विचार साझा किए।