श्री काशी नरेश महाराज (विभूति नारायण सिंह) के साथ नगर में तीन महापुरूषों की स्थापित होंगी प्रतिमायें
अनिवार्य प्रश्न । ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। नगर निगम की ओर से पूर्व काशी नरेश स्वर्गीय विभूति नाराय़ण सिंह की प्रतिमा लगवाई जाएगी। इस निर्णय का काशीराज परिवार के साथ ही काशीवासियों ने स्वागत किया है। पूर्व काशीराज की पुत्री कृष्ण प्रिया ने वाराणसी नगर निगम की इस पहल की सराहना की है।
उ0प्र0 सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या व उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक की मंशानुसार नगर निगम सीमान्तर्गत तीन महापुरूषों की मुर्तियां लगाये जाने हेतु अपनी मंशा जाहिर की गयी थी, जिसका प्रस्ताव कार्यकारिणी के सदस्य मदन मोहन दूबे के द्वारा कार्यकारिणी की बैठक में रखा गया था।
कार्यकारिणी की दिनांक 21 दिसम्बर 2023 की बैठक में प्रस्तुत इस प्रस्ताव पर महापौर अशोक कुमार तिवारी व अन्य सदस्यों ने सर्वसम्मति से निर्णय लेते हुये इसे पास कर दिया।पूर्व काशीराज की पुत्री कृष्ण प्रिया ने कहा कि प्रशासन ने काशी के गौरव को सम्मान दिया है। डॉ. विभूति नारायण सिंह को काशी की जनता साक्षात महादेव का स्वरूप मानती थी। उनके अभिवादन में हर हर महादेव का उद्घोष होता था। काशी नरेश स्वर्गीय विभूति नारायण सिंह जीवन भर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिपति रहे। उसके साथ काशी विश्वनाथ परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
उन्होंने कहा कि सरकार से यह भी कहना चाहूंगी कि जहां लोगों से उनकी मुलाकात होती थी वहां पर, यानी हाथी पर बैठे हुए मूर्ति मैदागिन चौराहे पर लगाई जाए। वहां बहुत बड़ी जगह है। हम बहुत दिन से वहां पर चाहते थे उनकी मूर्ति लगे।
साथ ही उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम को सरकार के कारिडोर नाम देने पर दुःख जताया। कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर मनोरंजन का साधन नहीं है, वह तो आध्यात्मिक स्थान है। उसका कॉरिडोर नाम रखना एकदम गलत है। यह मर्यादा के विरुद्ध है। बाबा काशी विश्वनाथ मंदिर आध्यात्मिकता का केंद्र है और उसे आध्यात्मिक ही रहने दिया जाय।