सात समुद्री जहाजों का अपहरण
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
दिल्ली। भारत की नौसेना समुद्री सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय और अतिरिक्त-क्षेत्रीय नौसेनाओं तथा समुद्री रक्षा बलों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ रही है। भारतीय नौसेना ने 2008 से अदन की खाड़ी और अफ्रीका के पूर्वी तट पर समुद्री डकैती विरोधी गश्त अभियान के लिए कई टुकड़ियां तैनात कर रखी हैं। इनकी सहायता से कुल 3,440 जहाजों और 25,000 से अधिक नाविकों को सुरक्षित बचा लिया गया है। इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को बहाल करने के लिए जहाजों की संख्या बढ़ाई गई है और मध्य अरब सागर तथा सोमालिया के तट के पूर्वी हिस्से में समुद्री गश्ती विमानों/दूरस्थ संचालित जहाजों द्वारा हवाई निगरानी भारतीय नौसेना द्वारा की जा रही है। अरब सागर और अदन की खाड़ी/आस-पास के क्षेत्र में चलने वाले व्यापारिक जहाजों पर भारतीय चालक दल के इनपुट के लिए महानिदेशक (शिपिंग) के साथ समन्वित तरीके से त्वरित कार्रवाई, प्रभावी संपर्क तथा समन्वय हेतु राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा एजेंसियों के साथ भी सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जाता है। इसके अलावा, इस क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बनाए रखने के लिए भारतीय नौसेना द्वारा इलाके में सक्रिय मछली पकड़ने वाले जहाजों/पाल वाली नौकाओं से भी जानकारी हासिल जा रही है। भारतीय नौसेना ने क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा बहाल करने की दिशा में मध्य अरब सागर और सोमालिया के पूर्वी तट पर जहाजों की उपस्थिति, समुद्री गश्ती विमानों एवं दूरस्थ संचालित जहाजों द्वारा हवाई निगरानी बढ़ा दी है। पाक जलडमरूमध्य में समुद्री डकैती की एक भी घटना दर्ज नहीं की गई है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने आज लोकसभा में ए गणेशमूर्ति को एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। पिछले तीन वर्षों के दौरान समुद्री लुटेरों द्वारा गहरे समुद्र में जहाजों का अपहरण किये जाने की सात घटनाएं दर्ज की गई हैं। ईमान (28 जनवरी, 2024) और दूसरी मछली पकड़ने वाली नौका – अल नईमी (29 जनवरी, 2024) शामिल थीं, हालांकि इनमें से किसी भी नौका पर चालक दल में कोई भी भारतीय नाविक सवार नहीं था।