दलित उत्पीड़न के मामले में थानाध्यक्ष बड़ागाव को अरविंद सिंह समेत 8 लोगो के ख़िलाफ़ मुकदमा दर्ज करने का आदेश
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। विशेष न्यायाधीश (एससी-एसटी) एक्ट, अनिल कुमार पंचम की अदालत ने मारपीट व जातिसूचक शब्द बोलने (दलित उत्पीड़न) के मामले में फत्तेपुर थाना बड़ागाव निवासी अरविंद कुमार सिंह वगैरह के विरूद्ध थानाध्यक्ष बड़ागाव को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। आवेदिका पूर्व ब्लाक प्रमिख सुमन देवी ने अपने अधिवक्ता गौतम कुमार सिंह व विवेक मिश्रा के माध्यम से कोर्ट में अरविन्द कुमार सिंह उर्फ पप्पू सिंह, सुभाष सिंह, मनोज सिंह, आनंद सिंह, पंकज सिंह उर्फ गिल, शशि कुमार सिंह, विजय प्रताप सिंह, राजकुमार पाण्डेय एवं चार-पांच अज्ञात सिपाही गण (जिन्हें देखकर पहचाना जा सकता है) के विरुद्ध कोर्ट में दं० प्र० सं० की धारा 156 (3) के तहत प्रार्थनापत्र दिया था। आवेदिका सुमन देवी का आरोप है कि 22 नवंबर 2023 को प्रार्थिनी के पति दीनानाथ सरोज कुछ काम से राहुल सिंह के घर गए थे उसी समय अरविंद सिंह उर्फ पप्पू सिंह अपने दोनों भाइयों के साथ राहुल सिंह के घर चढ़ आए और उनसे गाली गलौज व मारपीट करने लगे और उनकी लाइसेंसी पिस्टल छीन लिये जब प्रार्थिनी के पति ने बीच बचाय करने का प्रयास किया तो अरविंद सिंह उर्फ पप्पू उनके भाइयों ने उसके पति को धप्पड़ों से मारते हुए कहे साले पासी जाति के तुम्हारी हैसियत कि तुम हम ठाकुरों की पंचायत और बीच बचाव करोगे जाओ जल्दी भाग जाओ यहां से वरना जान से जाओगे।
इस पर उसका पति अपनी जान बचाकर अपने घर पहुंचा। घटना की सूचना तुरंत अनुपम सिंह ने अपने फोन से 112 नंबर पर दिया जिसका मैसेज इवेंट संख्या पी 221/2302143 उसके फोन पर आया उसके बाद 112 नंबर की पुलिस मौके पर आई और राहुल सिंह व कर्ण सिंह को लेकर अरविंद सिंह, सुभाष सिंह व मनोज सिंह के घर गई, वहां से राहुल सिंह की पिस्तौल बरामद किया और उसे अरविंद सिंह के दरवाजे पर ही रखकर उसकी फोटो खींचा जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर सुबह से ही वायरल भी होने लगा, जिसकी जांच कर पुलिस उस वीडियो को वायरल करने वाले व्यक्ति का पता लगाकर 65 बी साक्ष्य अधिनियम का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकती है। 22 नवम्बर 2023 को ही लगभग दिन में 11 बजे अरबिंद सिंह उर्फ पप्पू, सुभाष सिंह व मनोज सिंह, पंकज सिंह उर्फ गिल, शशि कुमार सिंह, अखिलेश कुमार सिंह, विजय प्रताप सिंह उर्फ राजू सिंह स्थानीय थाना बड़ागांव इंचार्ज राजकुमार पांडे ए०सी० पी० प्रतीक कुमार व उनके साथ चार-पांच सिपाही प्रार्थिनी के घर पर आए और पुलिस वालों के सामने ही अरविंद सिंह, सुभाष सिंह, पंकज सिंह उर्फ गिल प्रार्थिनी की मां बहन की गाली देते हुए कहने लगे पासी साली। तुम्हारा पति कहां है आज उसे और तुम्हें दोनों को सबक सिखाते हैं तुम लोग बहुत राजनीति करने लगे हो। प्रार्थिनी ने पूछा कि क्या बात है क्या हुआ है इस पर आनंद सिंह ने उसको धक्का देकर गिरा दिया और घर के अंदर घुस गए उसके पीछे अरविंद सिंह, सुभाष सिंह, पंकज सिंह, सिपाहियों के साथ घर में घुसने लगे उसके रोकने पर उसको गंदी गंदी मां बहन की गालियां देने लगे और कहने लगे कि पासी जाति की साली ऐसे नहीं मानेगी और कहने लगे साली को नंगा करके पीटों और उससे हाथापाई करने लगे जिससे वह अर्धनग्न हो गई इसके बाद उपरोक्त लोग उसके घर में घुस गए और उसके पति को घर में न पाकर तोड़फोड़ करने लगे तथा घर पर रखा 9,00,000/- नगद व उसके पति की लाइसेंसी राइफल उठा ले गए, जब वह विपक्षीगणों को रोकने लगी तो उसका बाल पकड़ कर धकेल कर गिरा दिया और धमकी देते हुए चले गए कि साला नीच चमार सियार तुम्हारा पति मिल जाएगा तो उसे जान से मार देंगे उसे बहुत राजनीति करने का शौक है।
तुम लोगों को झूठे व फर्जी मुकदमे में फंसा कर सारी राजनीती तुम लोगों की अंदर डाल देंगे जीवन बर्बाद हो जाएगा। पुलिस के जाने के बाद प्रार्थिनी ने उनके द्वारा किए गये तोड फोड, लूटपाट के दौरान कमरों में बिखेरे गये सामानों की फोटो भी खीचीं जो संलग किया जा रहा है। उन लोगों के चले जाने के बाद उसने तुरंत थाना बड़ागांव लगभग 12 बजे दोपहर पहुंची तो देखा कि उपरोक्त सभी लोग थाने में थानाध्यक्ष से हंस-हंसकर बात करते हुए चाय पी रहे थे, इसकी पुष्टि 22 नवम्बर 2023 की थाने में लगे सीसीटीवी कैमरा की जांच 10 बजे से 12बजे तक को देखने से हो सकती है। इसके पश्चात थानाध्यक्ष ने 22 नवंबर 2023 को सायं 07ः37 बजे एक झूठी दरखास्त अरविंद कुमार सिंह से लेकर झूठी बरामदगी दिखाते हुए मुकदमा अपराध संख्या 381 सन् 2023 अंतर्गत धारा 307,504,506 भा०दे०वि० का कायम किया और उसमें उसके पति दीनानाथ सरोज को भी फर्जी तरीके से नामजद कराया। उपरोक्त मुकदमे में 22 नवम्बर 2023 की रात 10 बजे राजू गौड के घर से उसके पति का राइफल जो लाइसेंसी है को बरामद होना झूठ दिखाया जबकि 22 नवंबर 2023 को 11 बजे दिन में ही उपरोक्त लोग उसके घर से रायफल लूट कर ले गए थे। प्रार्थना पत्र के साथ संलग्न फोटोग्राफ के अवलोकन से इस बात की पुष्टि हो जाएगी।
सरेआम दिन में घटित घटना को पुलिस द्वारा फर्जी तरीके से उसके पति को फंसाने की गरज से रात का बताया जा रहा है, यदि फर्द बरामदगी के समय मौजूद पुलिसकर्मियों की मोबाइल लोकेशन हिस्ट्री व कैफ की जांच हो तो इस बात की भी पुष्टि हो जाएगी कि रात्रि के समय पुलिस ग्राम इसीपुर गयी ही नहीं। उसने इसकी शिकायत थानाध्यक्ष को 22 नवंबर 23 को दिन में ही दिया, परंतु दीप नारायण सिंह व वर्तमान ब्लाक प्रमुख नूतन सिंह के प्रभाव के कारण ना तो प्रार्थना पत्र की प्राप्ति दी गई ना तो मुकदमा दर्ज किया गया। घटना की सूचना 19 दिसंबर 2023 को जरिए रजिस्टर्ड डाक पुलिस आयुक्त को भेजी फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब उसने 28 दिसम्बर 2023 को पुनः पुलिस आयुक्त व मुख्यमंत्री को प्रार्थना पत्र जरिए रजिस्टर्ड डाक दिया।
जब इसकी सूचना दीप नारायण सिंह वगैरह को मिली तो दीप नारायण सिंह अरविंद सिंह उर्फ पप्पू सिंह, आनंद सिंह अपने चार-पांच साथियों के साथ 14 जनवरी 2024 को दिन में उसके घर पर पुनः चढ आए और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए कहने लगे साली नीच हम लोगों के विरुद्ध दरखास्त देती हो तुम्हारा दिमाग बहुत बढ़ गया है जब उसने गाली गुप्ता से मना किया तो उसको लात मुक्कों से मारने लगे और जब प्रार्थिनी की सास प्रेम देवी बचाने आयी तो उन्हें भी लात मुक्कों से मारा पीटा तथा उनकी साड़ी खीचकर अर्धनग्न कर दिया उसके शोर पर अगल-बगल के लोग आ गए और बीच बचाव किया जिनकी गवाही विवेचना के दौरान कराई जाएगी। तब उपरोक्त लोग यह कहते हुए चले गए कि तुम्हारा पति कब तक नहीं मिलेगा जिस दिन मिल गया उसी दिन उसे मारकर खत्म कर देंगे। इसके बाद उसने अपनी सास प्रेम देवी के साथ शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल (कबीरचौरा) गई और अपने चोटों का इलाज मुआयना कराया।