Article: Increasing crime of sextortion in society

आलेख: समाज में बढ़ता सेक्सटार्शन का अपराध


आलेख:


प्रेम व व्यवहार के नाम पर सोशल मीडिया के इस्तेमाल से बढ़ते पोर्नवाद और नग्नता के आधार पर वसूली तथा अन्य अपराध की विवेचना कर रहें हैं वरिष्ठ लेखक व साहित्यकार पं0 छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’


एक दशक हुए कि इंटरनेट और सोशल मीडिया ने समाज पर जैसे कब्जा कर लिया है। अब गांव में रहने वाला सामान्य व्यक्ति हो या शहर में रहने वाला अग्रणी व्यक्ति हो, कोई नौकरी करने वाला सामान्य नौकर हो या कोई बड़ा उद्यमी हो हर कोई सोशल मीडिया का सुरक्षित इस्तेमाल करना नहीं जानता। लेकिन सोशल मीडिया से किसी ने किसी रूप में जुड़ा जरूर है। बहुत दिनों से साइबर अपराध के अनेक मामले प्रकाश में आते हैं जो अमूमन आर्थिक हुआ करते थे और बैंकिंग से जुड़े होते थे। कुछ वर्षों से एक अलग तरीके का अपराध भी साइबर अपराध की सूची में आया है और बहुत तेजी से बढ़ गया है।

यह काफी चिंता जनक है कि भारतीय ही नहीं विश्व भर के युवा व युवतियां समाज में इस किस्म का अपराध अभी बहुत चर्चित व प्रचलित नहीं है। इस अपराध को सेक्सटार्शन अपराध कहते हैं। इसमें सोशल मीडिया के माध्यम से या कंटेंट शेयरिंग के माध्यम से अनेक अपराधी अनेक युवाओं को फसाते हैं। जिसमें वीडियो, चैट, कॉल आदि संचार माध्यमों का पद्धतियों का इस्तेमाल किया जाता है। कई बार प्रेम के आश्रय को लेकर वह एक दूसरे की नग्न तस्वीर व साथ-साहचर्य आदि की तस्वीर और वीडियो भी बना लेते हैं या छद्म से तमाम दस्तावेज इकट्ठा कर लेते हैं। बाद में वह ब्लैकमेल करके बहुत दिनों तक या तो टॉर्चर करते हैं या तो उसके एवज में अच्छा खासा पैसा वसूलते हैं और जीवन भर के लिए बेहद खराब स्मृतियों के सहारे छोड़ देते हैं। इसलिए ऑनलाइन प्रेम व संबंध के निर्माण की तरफ बढ़ता रुझान आज युवा पीढ़ी के लिए बहुत खतरनाक हो गया है।

आज हम इसी विषय पर विस्तार से बात कर रहे हैं, क्योंकि यह एक ऐसी समस्या है जिसके बारे में बहुत कम लोग ही जानते हैं। विश्व के कुछ चुनिंदा समाचार प्लेटफार्म ही हैं जो इस विषय पर अपनी बात रख रहे हैं या लोगों को इस विषय में जागरूक कर रहे हैं। सुनने में नया है पर सेक्सटार्शन का अपना बड़ा अपराध क्षेत्र है पूरे विश्व में सेक्स टार्जन के लाखों मामले दर्ज किए गए हैं। जिससे लाखों जिंदगियां बर्बाद हुई हैं या कहे तो कइयों को बड़ी आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ी है। 2023 में, The National Center for Missing and Exploited Children ने 26,718 मामलों की रिपोर्ट दर्ज की, जो 2022 में 10,731 थे। सेक्सटॉर्शन के मामलों में विशेष रूप से किशोर और युवाओं को लक्षित किया जाता है अपराध में अपराधी पीड़ितों कोअश्लील तस्वीरें या वीडियो भेजने के लिए उकसाते हैं और फिर उन्हें ब्लैकमेल करके पैसे मांगते हैं।

वित्तीय सेक्सटॉर्शन के मामलों में, अपराधी आमतौर पर वायर ट्रांसफर, गिफ्ट कार्ड, और क्रिप्टोकरेंसी जैसी भुगतान विधियों की मांग करते हैं। के अनुसार, अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 तक 13,000 से अधिक मामलों की रिपोर्ट की गई, जिनमें 12,600 से अधिक पीड़ित शामिल थे और इनमें से कम से कम 20 ने आत्महत्या कर ली। सेक्सटॉर्शन के मामलों में तेजी से वृद्धि को देखते हुए, कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चेतावनी जारी की है। इन मामलों में अपराधी अक्सर विदेशी देशों में स्थित होते हैं, जिनमें नाइजीरिया, आइवरी कोस्ट, और फिलीपींस प्रमुख हैं।

सेक्सटार्शन एक शब्द है जो दो शब्दों  सेक्स और एक्सटार्शन  मिलकर बना है। यह एक प्रकार का साइबर अपराध है जिसमें अपराधी व्यक्तिगत या यौन संबंधी सामग्री का उपयोग करके किसी व्यक्ति को ब्लैकमेल करते हैं। यह सामग्री अक्सर फ़ोटोग्राफ़, वीडियो या चौट संदेशों के रूप में होती है। यह अपराध विशेष रूप से इसलिए चिंताजनक है क्योंकि यह न केवल पीड़ित के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालता है बल्कि उनकी सामाजिक स्थिति, पेशेवर करियर और निजी संबंधों को भी नुकसान पहुंचा सकता है।

सेक्सटार्शन मुख्यतः दो प्रकार का होता है-व्यक्तिगत सेक्सटार्शन में अपराधी किसी व्यक्ति से उसकी व्यक्तिगत या यौन संबंधी सामग्री प्राप्त करके उसे ब्लैकमेल करता है। यह सामग्री आमतौर पर सोशल मीडिया, डेटिंग ऐप्स या अन्य ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स पर साझा की जाती है। प्रोफेशनल सेक्सटार्शन- इसमें अपराधी पेशेवर व्यक्तियों को निशाना बनाते हैं, जैसे कि शिक्षक, डॉक्टर, या उच्च पदस्थ अधिकारी। अपराधी इन व्यक्तियों की प्रतिष्ठा और करियर को नुकसान पहुंचाने की धमकी देते हैं। सेक्सटार्शन का मनोवैज्ञानिक प्रभाव काफी भयंकर पड़ता है। सेक्सटार्शन का शिकार होने वाले व्यक्तियों पर गहरा मानसिक और भावनात्मक असर पड़ता है।

पीड़ित हमेशा डर और चिंता में रहते हैं कि उनकी निजी सामग्री कभी भी सार्वजनिक हो जाती है। लगातार ब्लैकमेलिंग और धमकियों के कारण पीड़ित डिप्रेशन में चले जाते हैं। कुछ मामलों में, मानसिक तनाव और समाज में शर्मिंदगी के कारण पीड़ित आत्महत्या करने की सोच लगते हैं। पीड़ित अक्सर समाज से कट जाते हैं, दोस्तों और परिवार से दूर हो जाते हैं। जिससे सामाजिक अलगाव बढ़ता है।सेक्सटार्शन के कानूनी पहलू की पड़ताल में देखा जा रहा है कि सेक्सटार्शन के खिलाफ कई देशों में कड़े कानून बनाए गए हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कानून और उनके पहलू बेहद पेचीदे हैं। अधिकांश देशों में साइबर अपराधों के खिलाफ विशेष कानून होते हैं जो सेक्सटार्शन को अपराध मानते हैं। व्यक्तिगत जानकारी और गोपनीयता की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून भी सेक्सटार्शन के मामलों में लागू होते और किये जाते हैं। शोषण और ब्लैकमेलिंग के कानून भी सेक्सटार्शन के अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सहायक होते हैं।

सेक्सटार्शन से बचने के लिए सावधानीपूर्वक ऑनलाइन गतिविधियां रखना जरुरी है। सोशल मीडिया और डेटिंग ऐप्स पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी और सामग्री को साझा करते समय सावधानी बरतें। मजबूत पासवर्ड का उपयोग अपने ऑनलाइन अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें और नियमित रूप से उन्हें बदलें।दोस्तों और परिवार से बातचीतरू अगर आप किसी संदिग्ध गतिविधि का शिकार होते हैं, तो तुरंत अपने दोस्तों और परिवार से बातचीत करें और उनकी मदद लें। किसी भी प्रकार की ब्लैकमेलिंग या धमकी के मामले में कानूनी सहायता लें और साइबर पुलिस से संपर्क करें।

सेक्सटार्शन का समाज पर व्यापक प्रभाव पड़ता है। यह न केवल व्यक्तिगत स्तर पर नुकसान पहुंचाता है, बल्कि समाज में भी असुरक्षा की भावना पैदा करता है। समाज में भरोसे की कमी, मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं में वृद्धि और सामाजिक कलंक जैसे मुद्दों का सामना करना पड़ता है। विश्व भर में सेक्सटार्शन के खिलाफ जागरूकता अभियान भी चलाये जा रहे हैं। सेक्सटार्शन के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए विभिन्न संगठन और सरकारी संस्थाएं लगातर अभियान चला रही हैं। अभियान संचालकों का कहना है कि लोगों को सेक्सटार्शन के बारे में जानकारी देना और उन्हें इसके खतरों से अवगत कराना थोड़ा कठिन होता है। लोगों को ऑनलाइन सुरक्षा के उपायों के बारे में जागरूक करना भी मुश्किल और खर्चीला है। सेक्सटार्शन के शिकार लोगों के लिए समर्थन प्रणाली तैयार की जाती है ताकि वे इस समस्या से उबर सकें।

वर्तमान समय के परिदृश्य में सेक्सटार्शन एक गंभीर साइबर अपराध है जो व्यक्तिगत और समाजिक स्तर पर गहरे दुष प्रभाव डालता है। इससे बचने के लिए जागरूकता और सुरक्षा उपायों का पालन करना आवश्यक है। कानून और समाज की संयुक्त प्रयासों से ही इस अपराध को रोका जा सकता है। यह आवश्यक है कि हम सभी मिलकर एक सुरक्षित और स्वस्थ ऑनलाइन वातावरण बनाने की दिशा में काम करें, जहां कोई भी व्यक्ति इस तरह के खतरनाक अपराध का शिकार न हो।


लेखक अनिवार्य प्रश्न अखबार, स्याही प्रकाशन, काशी मनीषी महासभा व उद्गार के संस्थापक व अध्यक्ष हैं।