नगर निगम ने बड़ी कार्यवाही करते हुये पौने पॉच बीघा भूमि कब्जे से कराया मुक्त
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के निर्देश पर नगर निगम द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुये पौने पॉच बीघा भूमि को कब्जामुक्त कराते हुये कब्जे में ले लिया गया तथा भूमि का चिन्हांकन कराकर नगर निगम का बोर्ड लगा दिया गया है। विगत दिनों नगर निगम को जानकारी प्राप्त होने पर महापौर अशोक कुमार तिवारी द्वारा उक्त भूमि का परीक्षण कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया था। नगर आयुक्त के निर्देश पर प्रभारी राजस्व अनिल यादव के नेतृत्व में उक्त भूमि की पैमाईश करायी गयी, जिसमें पाया गया कि गाटा संख्या-274 में 7.49 बीघा, गाटा संख्या-276 में 3.28 बीघा तथा गाटा संख्या-279 में लगभग 4 बीघा भूमि पर कब्जा या अतिक्रमण किया गया है।
कुल अतिक्रमित भूमि लगभग पौने पंद्रह बीघा है। यह भूमि नगर निगम अभिलेखों में ग्राम-पहड़िया, तहसील-सदर, जनपद वाराणसी मंे उक्त भूमि सारनाथ क्षेत्र में सारंग तालाब के पास भीटा के रूप में दर्ज है, जो सुरक्षित भूमि की श्रेणी में आता है। उक्त भूमि पर कुछ अवांछनीय तत्वों के द्वारा दुधारू जानवरों को बाधां गया था तथा वहां पर लोगों के द्वारा टैम्पो इत्यादि कई वाहन खड़े किये गये थे, साथ ही कुछ लोगों के द्वारा भूमि पर नींव डालकर मकान बनाने की कार्यवाही की जा रही थी। उक्त भूमि पर कब्जे की सूचना प्राप्त होते ही नगर आयुक्त के द्वारा प्रभारी राजस्व अनिल यादव को भूमि पर से अतिक्रमण हटाये जाने हेतु निर्देशित किया गया। अनिल यादव के द्वारा तत्काल नगर निगम की अतिक्रमण टीम, प्रर्वतन दल की टीम, सामान्य अभियन्त्रण विभाग, मय जे0सी0बी0, ट्रैक्टर तथा सारनाथ थाने के पुलिस बल इत्यादि के साथ मौके पर पहुॅच कर अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी।
अतिक्रमण हटाते समय कुछ क्षेत्रीय लोगों के द्वारा विरोध किया गया परन्तु नगर निगम के द्वारा बड़ी कार्यवाही करते हुये 4.75 बीघा भूमि को कब्जा मुक्त करा कर कब्जे में ले लिया गया। मुक्त कराने के पश्चात सामान्य विभाग के द्वारा तत्काल उक्त भूमि को चिन्हांकन करते हुये पीलर गाड़कर नगर निगम का बोर्ड लगा दिया गया। प्रभारी राजस्व अनिल यादव के द्वारा बताया गया कि शेष भूमि पर बने मकानों को गिराने की कार्यवाही हेतु नोटिस दी जा रही है, जिसे विभागीय कार्यवाही करते हुये शेष भूमि को भी कब्जा मुक्त कराकर नगर निगम के कब्जे में कर दिया जायेगा। उक्त भूमि को कब्जा मुक्त कराने हेतु महापौर द्वारा विगत हुई बैठक में परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था।