हिंडनबर्ग रिपोर्ट: सेबी प्रमुख के खिलाफ गंभीर आरोप
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
नई दिल्ली। अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट ने भारतीय शेयर बाजार में हलचल मचा दी है और देश भर में चर्चा का विषय बन गई है। हिंडनबर्ग का आरोप है कि माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की मॉरीशस की एक ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। इस कंपनी में गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर का निवेश किया है। हिंडनबर्ग का दावा है कि इस पैसे का इस्तेमाल शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि माधबी पुरी बुच के सेबी प्रमुख बनने से पहले ही उनके पति ने इस कंपनी में निवेश किया था। हिंडनबर्ग का आरोप है कि इससे संघर्ष की स्थिति पैदा होती है और यह सेबी के निष्पक्षता पर सवाल खड़े करता है। सेबी ने अभी तक इस रिपोर्ट पर आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, सरकार ने इस मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच के आदेश दिए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। अडाणी समूह के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई है।
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के शेयर बाजार की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल उठाता है। यह मामला यह भी दर्शाता है कि कैसे विदेशी निवेशक भारतीय कंपनियों में निवेश करते समय जोखिम का आकलन करते हैं। इस मामले की जांच अभी जारी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले का अंत कहां पर होता है और सरकार इस मामले में क्या कार्रवाई करती है।