भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने लिपिक अरविंद कुमार गुप्ता की जमानत याचिका खारिज की
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। वाराणसी के भ्रष्टाचार निवारण न्यायालय ने फर्म सोसाइटीज के लिपिक अरविंद कुमार गुप्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं और 2008 में भी उन्हें रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। न्यायालय ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए जमानत याचिका खारिज की।
ज्ञातव्य हो कि प्रबोधिनी फाउण्डेशन के संयुक्त सचिव डा. संजय सिंह गौतम ने अपनी उक्त संस्था के नवीनीकरण एवं प्रबन्ध कमेटी सूची पंजीकरण हेतु उक्त अभियुक्त के रिश्वत मांग की शिकायत पर एन्टी करप्शन विभाग द्वारा अभियुक्त को 4,000 रूपया लेते हुए ट्रैप टीम ने पकड़ा था और उक्त धनराशि अभियुक्त के कब्जे से बरामद कर 11 सितम्बर को मुकदमा मुकदमा पंजीकृत किया था और 12 सितम्बर को उक्त न्यायालय में पेश किया जिसको न्यायालय ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया, विवेचक ने चिट्स फर्म सोसाइटीज कार्यालय का सीसीटीवी विडियो सहित अन्य साक्ष्य सबूत न्यायालय में शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से पेश किये जिसका अवलोकन कर,अधिवक्ताओ ने बहस के दौरान कहा कि उक्त प्रकरण एक लोक सेवक द्वारा भ्रष्टाचार किये जाने तथा घूस की धनराशि प्राप्त किये जाने से संबंधित है, जो लोकनीति तथा नैतिकता के भी विरूद्ध है।