आयुष्मान भारत योजना : अस्थि संबंधी रोगों पर अद्यतन जानकारी
अनिवार्य प्रश्न। संवाद।
अस्थि रोगों से संबंधित 141 प्रक्रियाओं का उपचार प्रदान
उपचार के लिए 5,289.4 करोड़ रुपये स्वीकृत
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना (एबी पीएम-जेएवाई) अस्थि रोगों (आर्थोपेडिक्स डिजीजेज), कैंसर विज्ञान (ऑन्कोलॉजी) , हृदयरोग विज्ञान (कार्डियोलॉजी) और सामान्य चिकित्सा आदि सहित 27 विभिन्न श्रेणियों के अंतर्गत कुल 1949 प्रक्रियाओं के अनुरूप उपचार प्रदान करती है। इनमें से अस्थि रोग (आर्थोपेडिक डिजीजेज) के लिए कुल 141 प्रक्रियाएं संबंधित हैं। इसके अलावा, 4 दिसंबर 2023 तक, 20.25 लाख रोगी अस्पतालों में भर्ती हुए जिनके लिए इस योजना के अंतर्गत अस्थि संबंधी रोगों के उपचार के लिए 5,289.4 करोड़ रुपये अधिकृत किए गए हैं।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स- एआईआईएमएस) देश का शीर्ष तृतीयक देखभाल अस्पताल है और इसलिए यह देश भर से रोगियों को आकर्षित करता है। एम्स जहां एक ओर आपातकालीन मामलों को तुरंत स्वीकार करता है, वहीं कभी-कभी बिस्तर की उपलब्धता के आधार पर वैकल्पिक सर्जरी के मामले में बाद की तारीख भी प्रदान करता है। रोगी हाली चिकित्सा (सर्जरी) / प्रवेश की प्रारंभिक तिथि के लिए एबी पीएम-जेएवाई के अंतर्गत कार्यान्वयन प्राधिकरण से सहायता मांगते हैं। जहां भी संभव हो, लाभार्थियों को सहायता प्रदान की जाती है। पैनल में शामिल विभिन्न अस्पतालों के विरुद्ध देश भर से प्राप्त 4,198 शिकायतों में से 4,117 का समाधान कर दिया गया है। इसके अलावा, एम्स, दिल्ली के संबंध में ऐसी 16 शिकायतें प्राप्त हुई हैं, जिनमें से सभी का सफलतापूर्वक समाधान कर दिया गया है।
एबी पीएम–जेएवाई के अंतर्गत सभी सूचीबद्ध अस्पताल पात्र लाभार्थियों को उन विशिष्टताओं के लिए कैशलेस उपचार की पेशकश करने के लिए बाध्य हैं जिन्हें इसमें सूचीबद्ध किया गया है। ऐसा करने में विफल रहने पर दंडात्मक कार्रवाई हो सकती है और जिसमें पैनल से बाहर करना भी शामिल हो सकता है। यदि लाभार्थियों को उपचार से वंचित कर दिया जाता है, तो कोई भी व्यक्ति पोर्टल पर, राष्ट्रीय कॉल सेंटर 14555 के माध्यम से या मेल, पत्र, फैक्स आदि के माध्यम से शिकायत दर्ज कर सकता है, जिसे अच्छी तरह से परिभाषित प्रक्रिया के अनुसार स्वीकार किए जाने के साथ ही दर्ज किया जाएगा और आगे बढ़ा कर उसका समाधान भी निकला जाएगा। एबी पीएम–जेएवाई लाभार्थियों की सभी शिकायतों का समाधान त्रिस्तरीय शिकायत निवारण संरचना के माध्यम से कुशल, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से किया जाता है।
राष्ट्रीय कॉल सेंटर अथवा शिकायत निवारण पोर्टल (https://cgrms.PM-JAY.gov.in/) या किसी अन्य माध्यम से प्राप्त किसी भी शिकायत के लिए एक केंद्रीय शिकायत निवारण प्रबंधन प्रणाली (सीजीआरएमएस) की स्थापना की गई है। इसे तुरंत आवश्यक कार्रवाई के लिए प्रत्येक एसएचए में नामित संबंधित राज्य शिकायत नोडल अधिकारी को सौंपा जाता है। कई बार जागरूकता की कमी के कारण भी लाभार्थियों द्वारा शिकायतें उठाई जाती हैं। एक अस्पताल के खिलाफ उस श्रेणी (विशेषज्ञता) के अंतर्गत उपचार प्रदान नहीं करने की शिकायत दर्ज की गई है जिसके लिए उसे सूचीबद्ध नहीं किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने आज लोकसभा में लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है ।