आईसीएआई, भारत और सीपीए, पापुआ न्यू गिनी के बीच हुए एमओयू को मिली स्वीकृति
अनिवार्य प्रश्न । संवाद
नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने पापुआ न्यू गिनी में क्षमता निर्माण और अकाउंटिंग, फाइनेंशियल तथा ऑडिट नॉलेज बेस को मजबूत बनाने के लिए इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और सर्टिफाइड प्रैक्टिसिंग एकाउंटेंट्स, पापुआ न्यू गिनी (सीपीए पीएनजी) के बीच हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) को स्वीकृति प्रदान कर दी है।
क्रियान्यावयन रणनीति और लक्ष्य :
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) और सर्टिफाइड प्रैक्टिसिंग एकाउंटेंट्स पापुआ न्यू गिनी निम्नलिखित क्षेत्रों में मिलकर काम करेंगे :-
- पीएनजी में तकनीकी कार्यक्रमों, सेमिनारों और सम्मेलनों का आयोजन और संचालन,
- कंपनी प्रशासन, तकनीक अनुसंधान और परामर्श, गुणवत्ता आश्वासन, फॉरेंसिंग एकाउंटिंग, कॉन्टिन्युइंग प्रोफेशनल डेवलपमेंट (सीपीडी) के क्षेत्रों और पारस्परिक भागीदारी वाले अन्य विषयों में संभावित सहयोग और भागीदारी कायम करना।
- भारत और पीएनजी में लेखा व्यवसाय से संबंधित उपलब्ध गैर प्रतिबंधित जानकारियों को साझा करना।
- विद्यार्थी और संकाय आदान-प्रदान कार्यक्रम शुरू करना।
- पीएनजी में लेखा, वित्त और ऑडिट के क्षेत्र में अल्पकालिक व्यावसायिक पाठ्यक्रमों की पेशकश करना।
प्रमुख प्रभाव :
भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स (सीए) स्थानीय कारोबारी समुदाय और वित्तीय रिपोर्टिंग के मामलों से जुड़े हितधारकों की सहायता कर रहे हैं तथा उन्हें खासी प्रतिष्ठा हासिल है। प्रस्तावित एमओयू से भरोसा और भी मजबूत होने का अनुमान है और इससे पापुआ न्यू गिनी में भारतीय चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सकारात्मक छवि तैयार होगी। आईसीएआई के पीएनजी चैप्टर सहित ऑस्ट्रेलेशिया-ओसीनिया क्षेत्र में सदस्यों की संख्या 3,000 से भी ज्यादा है। इस एमओयू के माध्यम से सीपीए, पीएनजी को मिलने वाली सहायता से क्षेत्र में मौजूद आईसीएआई के सदस्यों को फायदा होगा और आईसीएआई के सदस्यों को अतिरिक्त प्रोत्साहन मिलेगा।
पृष्ठभूमि
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) भारत में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के व्यवसाय को विनियमित करने के लिए “द चार्टर्ड एकाउंटेंट्स अधिनियम, 1949” के अंतर्गत स्थापित की गई एक सांविधिक संस्था है। सर्टिफाइड प्रैक्टिसिंग एकाउंटेंट्स पापुआ न्यू गिनी (सीपीए पीएनजी), पापुआ न्यूगिनी में लेखा और ऑडिट मानकों के निर्धारण व लेखा व्यवसाय के हितों को प्रोत्साहन देने के लिए एकाउंटेंट्स अधिनियम, 1996 के अंतर्गत स्थापित प्रमुख लेखा व्यावसायिक संगठन है।