उद्यम पंजीकरण की नई ऑनलाइन प्रणाली समय और प्रौद्योगिकी की कसौटी पर पूरी तरह से खरी
अनिवार्य प्रश्न। संवाद
नई दिल्ली। महत्वपूर्ण बिंदु यह है कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय ने पहली जुलाई 2020 को एम.एस.एम.ई. की परिभाषा और पंजीकरण की प्रक्रिया को संशोधित किया था। उसी दौरान इसने एम.एस.एम.ई. / उद्यम पंजीकरण के लिए एक नया पोर्टल (https://udyamregistration.gov.in) भी शुरू किया था। तब से यह पोर्टल सुचारू रूप से काम कर रहा है। एक महत्वपूर्ण पहल के तहत यह पोर्टल सीबीडीटी और जीएसटी नेटवर्क के साथ-साथ सरकारी ई बाज़ार जीईएम के साथ समेकित रूप से एकीकृत है। यहां पर ध्यान देने योग्य बात यह है कि, इस एकीकरण के माध्यम से, अब एमएसएमई पंजीकरण पूरी तरह से कागज रहित प्रक्रिया बन चुकी है।
मंत्रालय ने अपने कार्य क्षेत्र में आने वाले सभी प्रतिष्ठानों जैसे एमएसएमई-डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर, एनएसआईसी, केवीआईसी और कॉयर बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि वे उद्यम पंजीकरण के लिए उद्यमियों को अपना पूरा समर्थन दें। इसी तरह, सभी जिला मजिस्ट्रेटों और जिला उद्योग केंद्रों को एमएसएमई द्वारा पंजीकरण में तेजी लाने का अनुरोध किया गया है। पंजीकरण से संबंधित एमएसएमई की शिकायतों को निराकरण देश के केंद्रीय नियंत्रण कक्ष और 68 राज्य नियंत्रण कक्षों के नेटवर्क के माध्यम से चैंपियंस प्लेटफॉर्म के द्वारा किया जा रहा है।
31 अक्टूबर, 2020 तक (10 लाख से अधिक) पंजीकरणों के विश्लेषण के अनुसार उनकी प्रवृत्ति और मौजूदा स्थिति इस प्रकार से है: –
• 3.72 लाख उद्यमों ने विनिर्माण श्रेणी के तहत पंजीकरण किया है जबकि सेवा क्षेत्र के तहत 6.31 लाख उद्यम पंजीकृत हुए।
• सूक्ष्म उद्यमों की हिस्सेदारी 93.17 प्रतिशत है जबकि लघु और मध्यम उद्यम क्रमशः 5.62 प्रतिशत और 1.21 प्रतिशत हैं।
• 7.98 लाख उद्यम पुरुष उद्यमियों के स्वामित्व में हैं जबकि महिला उद्यमियों के स्वामित्व में 1.73 लाख उद्यम पंजीकृत हैं।
• 11,188 उद्यम दिव्यांगजन उद्यमियों के स्वामित्व में हैं।
• पंजीकरण के शीर्ष 5 औद्योगिक क्षेत्र हैं – खाद्य उत्पाद, वस्त्र परिधान, निर्मित धातु उत्पाद, और मशीनरी और उपकरण।
• इन पंजीकृत इकाइयों द्वारा 1,01,03,512 व्यक्तियों को रोजगार दिया गया है।
• उदयम पंजीकरण के लिए 5 अग्रणी राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और गुजरात हैं।
• एक अवस्था परिवर्तनकालिक व्यवस्था के रूप में पैन के बिना पंजीकरण की अनुमति 31 मार्च, 2021 तक है।
• इसी तरह, जीएसटी नंबर के बिना पंजीकरण भी एक संक्रमणकालीन व्यवस्था के रूप में 31 मार्च 2021 तक की अनुमति है।
ऐसे सभी उद्यम जो अभी तक पंजीकृत नहीं हुए हैं, उन्हें एमएसएमई मंत्रालय और अन्य सरकारी एजेंसियों के लाभों का लाभ उठाने के लिए खुद को पंजीकृत करना चाहिए। पंजीकरण की प्रक्रिया नि:शुल्क है और केवल .gov.in वाले सरकारी पोर्टल ही पंजीकरण कराया जाना चाहिए।
उद्यमियों को बार – बार यह सलाह दी जाती है कि वे नकली और भ्रामक एजेंसियों द्वारा बनाई गई फ़र्ज़ी वेबसाइटों तथा पोर्टलों से सावधान रहें। किसी भी प्रकार की सहायता के लिए उद्यमी एम.एस.एम.ई. मंत्रालय के डीआईसी या फिर चैंपियंस (CHAMPIONS) कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकते हैं। हमारे पोर्टल https://champions.gov.in पर भी किसी भी तरह की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।