दिव्यांगों की शिक्षा के लिए सदैव समर्पित है डॉक्टर राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। भोजूबीर सरसौली स्थित ‘स्याही प्रकाशन’ के ‘उद्गार सभागार’ में 29 मार्च को ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ विषय पर परिचर्चा/ प्रशिक्षण के प्रथम सत्र का एवं साहित्यिक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्षता पण्डित छतिश द्विवेदी ‘कुण्ठित’ एवं मुख्य अतिथि अवधेश पाठक पूर्व ब्लाक प्रमुख चिरईगांव रहे। सारस्वत अतिथियों में डॉक्टर एम.पी. सिंह, डॉक्टर एन.बी. सिंह, डॉक्टर शुभ्रा वर्मा नाट्य अनुभाग महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, साहित्यकार प्रियम्बदा सिंह रहीं। वहीं मुख्य वक्ता पूर्व जिला विकास अधिकारी डॉक्टर डी आर विश्वकर्मा रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन शायर डॉ लियाकत अली जलज और युवा कवि सुनील सेठ ने संयुक्त रुप से किया। कार्यक्रम में विषय प्रवक्ता डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा रहे।
कार्यक्रम का शुभारंभ सभी सम्मानित अतिथियों ने मां सरस्वती की चित्र पर माल्यार्पण कर और दीप प्रज्वलित कर किया। मां सरस्वती की वंदना अभिषेक दूबे ने गायन पाठ में किया। अतिथियों का स्वागत भारत डिजिटल लाइब्रेरी के संस्थापक अभिषेक उपाध्याय व प्रवीण मिश्रा ने किया। सम्मान समारोह के उपरांत कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्याही प्रकाशन के संस्थापक व अध्यक्ष पंडित छतिश द्विवेदी कुंठित ने कहा कि मैं अनवरत छः वर्षों से देख रहा हूँ कि डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा जी ने दिव्यांगों की शिक्षा के लिए अथक प्रयास किया है। हम सब उनके कार्यों की सराहना करते हैं। हम और हमारा संगठन ‘उद्धार’ उनके लिए हमेशा हर कार्य में सहयोग के लिए यथाशक्ति तत्पर है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अवधेश पाठक ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में लागू किया गया। सबसे ज्यादा फायदा दिव्यांगों का हुआ। दिव्यांगों के लिए यह शिक्षा नीति वरदान साबित हुई। डॉ राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा प्रशिक्षण संस्थान में अध्ययन कर रहे दिव्यांगों की शिक्षा व्यावस्था सराहनीय है। वही डॉक्टर राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा गीता फाउंडेशन द्वारा संचालित तीन संस्थानों पर प्रकाश डालते हुए निदेशक डॉ ज्योति भूषण मिश्रा ने कहा कि हमारे फाउंडेशन के तहत कैरियर क्लासेस स्कूल विद्यालय तथा डॉ राममूर्ति प्रसाद प्रशिक्षण संस्थान, डी.एड. कॉलेज एवं डॉक्टर राम संस्कृत महाविद्यालय की स्थापना की गई। डॉ ज्योति भूषण मिश्रा ने कहा कि अब तक 175000 से अधिक दिव्यांगों की सेवा की गई है।
जापान से प्रशिक्षित डॉक्टर ज्योति भूषण मिश्रा ने कहा कि 2011 से 2017 तक जापान से शिक्षा प्राप्त करके शिक्षा जगत में उल्लेखनीय कार्य चल रहा है। 6 वर्षों में तीन शिक्षण संस्थानों की स्थापना की गई और धीरे-धीरे दिव्यांगों की हर वर्ष हजारों की संख्या में ट्राई साइकिल, स्टिक, ईयर फोन निशुल्क प्रदान किया जाता है।
वहीं मुख्य वक्ता डॉक्टर दयाराम विश्वकर्मा अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह से कैरियर क्लासेस स्कूल व डॉक्टर राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा महाविद्यालय शिक्षा जगत में कार्य कर रहे हैं इनकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है। सभी अतिथियों ने भी अपने संबोधन से दिव्यांगो की शिक्षा पर प्रकाश डाला।
अतिथियों के उद्बोधन के पश्चात विशाल कवि गोष्ठी हुई। जिसमें सभी कवि और कवित्रियों ने अपनी स्वरचित रचना पढ़ी। तत्पश्चात् सैकड़ों कवियों और कवयित्रियों को सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। कवियों में शायर शमीम गाजीपुरी, शिब्बी ममगाईं, माधुरी मिश्रा, डॉक्टर प्रियंका तिवारी, प्रीति जायसवाल, प्रियंका अग्निहोत्री, सुनील सेठ, झरना मुखर्जी, अंजली मिश्रा, राम नरेश पाल आदि लोग उपस्थित रहे। काव्य सभा का सफल संचालन डॉक्टर लियाकत अली और सुनील सेठ ने किया। धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ साहित्यकार प्रकाशानंद जी ने किया।
डॉ0 ज्योति भूषण मिश्रा
निदेशक
डॉ0 राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा गीता फाउण्डेशन
व डॉ0 राम मूर्ति प्रसाद मिश्रा ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट