रेलवे पार्सल से सरकार की हुई मोटी कमाई


अनिवार्य प्रश्न । संवाद


रेलवे ने पार्सल ट्रेनों से अर्जित किया अच्छा राजस्व
लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अब तक की 54,292 टन सामान की ढुलाई
और 19.77 करोड़ रुपये की हुई आय


दिल्ली। लॉकडाउन के दौरान छोटे पार्सल में चिकित्सा आपूर्तियों, स्वास्थ्य उपकरण, खाद्य पदार्थ आदि आवश्यक सामानों की ढुलाई काफी महत्वपूर्ण रही है। इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए भारतीय रेल ने ई-कॉमर्स कंपनियों और राज्य सरकारों सहित अन्य के द्वारा की जा रही त्वरित व्यापक ढुलाई के लिए रेलवे के पार्सल वैन उपलब्ध कराए हैं। रेलवे ने आवश्यक सामानों की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए समय सारणी के आधार पर विशेष पार्सल ट्रेनें चलाने का फैसला किया था।

रेलवे मंडल नियमित रूप से इन विशेष पार्सल ट्रेनों के लिए रूटों की पहचान और उन्हें अधिसूचित कर रहे हैं। वर्तमान में 82 रूट पर इन ट्रेनों को चलाया जा रहा है।
रेलवे की पार्सल ट्रेनों के संचालन में बढ़ोतरी को त्वरित, अनुकूलित और सभी के लिए लाभकारी बनाने के प्रयासों के द्वारा देश में माल ढुलाई के काम में वृद्धि के तौर पर देखा जाना चाहिए।

रेलवे और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने हाल में ई-कॉमर्स और लॉजिस्टिक कंपनियों को रेलवे के नजदीक लाने के लिए एक बैठक का आयोजन किया था। 05 मई 2020 को 66 विशेष पार्सल ट्रेन चलाई गई थीं, जिनमें 65 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनके माध्यम से 1,936 टन सामग्री का लदान किया गया, जिससे रेलवे को 57.14 लाख रुपये की आय हुई। 05 मई 2020 तक कुल 2,067 ट्रेनों का परिचालन हुआ, जिनमें से 1,988 समय सारणी ट्रेनें थीं। इनसे 54,292 टन सामान का लदान हुआ और 19.77 करोड़ रुपये की आय हुई है।

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