Kangana Ranaut's statement is akin to abusive behaviour for all of us. Ajay Rai

कंगना रानौत का बयान हम सबके लिए गाली देने के समान है। अजय राय


अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।


वाराणसी। अजय राय ने कहा कंगना रानौत का यह बयान हम सबके लिए गाली देने के समान है। मै प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मांग करता हूं कि वे कंगना रानौत को उनके इस गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक कुकृत्य के लिए तत्काल पार्टी से निष्कासित करें, सिर्फ उनके बयान से किनारा करने या फिर उनका व्यक्तिगत मत कह देने भर से काम नहीं चलेगा। हम सब किसान पुत्र हैं। किसानी हमारा जीवन संस्कार है। भारत कृषि प्रधान देश शुरू से रहा है। किसान इस देश की रीढ़ है। हमारी अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा आधार है किसान और खेती । लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि पिछले दस वर्षों से भी अधिक समय से देश के अन्नदाता यानी किसान को अपने वाजिब हक के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, गोली खानी पड़ रही है।

आखिर किसान भी तो हमारे देश के निर्माता हैं। किसी देश के विकास में उद्योग धंधों के साथ साथ कृषि का भी विशेष योगदान होता है। मोदी सरकार ने एक तरफ जहां तीन काले कानून थोपने की असफल कोशिश की वहीं दूसरी तरफ किसानों के साथ समर्थन मूल्य के नाम पर धोखा दिया। आज भी अन्नदाता अपने हक के लिए संघर्ष कर रहा है। अपनी जान गवां रहा है। शहादत दे रहा है । लेकिन केंद्र की निरंकुश मोदी सरकार के ऊपर जूं तक नहीं रेंग रहा है। हद तो तब हो जाती है जब इन्हीं मोदी जी की प्रिय सांसद कंगना रानौत ने अपने एक वक्तव्य में देश के अन्नदाताओं द्वारा पिछले वर्ष काले कानूनों के खिलाफ किए गए धरना प्रदर्शन को अपमानित करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में रेप हो रहे थे और लाशें टांगी जा रही थी। वस्तुतः देखा जाए तो यह सिर्फ कंगना रानौत का वक्तव्य नहीं बल्कि एक सांसद के तौर पर पूरी सरकार का वक्तव्य माना जायेगा। कंगना रानौत ने पूरे देश के किसान भाईयों को गाली दी। जिस किसान आंदोलन में लगभग साढ़े सात सौ निर्दाेष किसान भाईयों ने अपनी शहादत दी, उस आंदोलन को इस तरह अपमानित करना और किसान भाईयों के इस पूरे संघर्ष को गाली देना, किसान भाईयों को ही नहीं बल्कि समूचे देश को गाली देने जैसा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने पत्रकारों द्वारा बनारस को केंद्र में रखकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सन 2014 में मोदी जी बनारस आए तो उन्होंने खुद को स्वघोषित गंगा पुत्र कहा। सन 2014 से लेकर 2024 तक की अवधि में उन्होंने मां गंगा की इतनी सेवा कि, कि आजतक एक भी नाले को उन्होंने मां गंगा में गिरने से रोकने का कोई प्रबंधन नहीं किया। हां, एक बात जरूर है कि मां गंगा के नाम पर अरबों रुपए की जमकर लूट जरूर हुई। अभी हाल ही में यह रिपोर्ट आई कि काशी हिंदू विश्वविद्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री स्व राजीव गांधी जी के प्रयासों से मां गंगा की सफाई के लिए शुरू किए गए महामना पंडित मदन मोहन मालवीय सेंटर को बंद कर दिया गया। यह केंद्र पिछले कई दशकों से मां गंगा में पानी की गुणवत्ता और प्रदूषण की स्थिति पर नजर रखता था और साथ ही साथ प्रदूषण को रोकने के लिए जरूरी

अभियानों को संचालित करता था। यह कितने दुर्भाग्य की बात है। इतना ही नहीं पिछले साल बिना एन जी टी की मंजूरी के गंगा जी में नहर बनाने की योजना रही हो या फिर मां गंगा की गोंद में टेंट सिटी बनाने की योजना, यह सब इसी महान गंगा पुत्र की सरकार में इन्हीं के मित्र गौतम अडानी जी के द्वारा किया गया । आज बनारस में सारे ठेके गुजरातियों को दिए जा रहे हैं। बिजली विभाग का स्मार्ट मीटर हो या फिर अन्य सारे काम। सारा कुछ गुजरात के हवाले। आज बिजली को इतना मंहगा कर दिया गया है कि आम जनता कराह रही है।

किसान, व्यापारी, सामान्य गरीब जनता हर कोई त्रस्त है इनके इस भ्रष्ट रवैए से। बनारस में स्मार्ट सिटी के नाम पर जो भी काम हुए वह सब सिर्फ भ्रष्टाचार के शिकार हुए। एक भी काम ढंग का नहीं, स्तरीय नहीं। सीवर जाम, सड़के जाम, ट्रैफिक ध्वस्त। सारा कुछ सिर्फ पोल है। एक हल्की सी बारिश में सारा बनारस जलमग्न हो जाता है। आवश्यकता से अधिक टोटो का परमिशन देने से न सिर्फ जाम की भयानक समस्या से आम शहरी जूझ रहा है बल्कि जानमाल की सुरक्षा भी चिंतनीय है। लूट, भ्रष्टाचार, अपराध में मैं समझता हूं बनारस के साथ साथ पूरा उत्तर प्रदेश इस समय शीर्ष पर है। आए दिन हत्या, माताओं बहनों के साथ लूट, हिंसा, बलात्कार की घटनाओं में जिस तरह से इजाफा हुआ है वह यह दर्शाता है कि न तो मोदी जी से और न तो योगी जी से देश और प्रदेश की सत्ता संभाली जा रही है।

अभी कुछ दिनों पहले बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए अत्याचार पर बनारस में भाजपा की तरफ से बनारस बंद किया गया। आखिर मैं पूछता हूं कि मोदी और भाजपा एक तरफ जहां बांग्लादेश की निर्वासित प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत में शरण देते हैं, वहीं दूसरी तरफ बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार का नारा भी लगाते हैं, आखिर यह दोहरा चरित्र क्यों ? मोदी सरकार को देश को बताना चाहिए कि उन्होंने कितने हिन्दू शरणार्थियों को भारत में शरण दी और हिंदुओं के लिए कितने कैंप लगाए ? सिर्फ हिंदू ,हिंदू के नाम की माला जपकर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करण करना संघ और भाजपा को कुत्सित राजनीति का हिस्सा रहा है। सांप्रदायिक राजनीति की खेती करना ही भाजपा का वास्तविक चरित्र है।

अजय राय ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी से मांग करता हूं कि वह पिछले दस वर्षों से बतौर बनारस के सांसद होने के नाते एक श्वेत पत्र जारी करें कि उन्होंने पिछले दस वर्षों में बनारस को कितना कल कारखाने, उद्योग धंधे, रोजगार और योजनाएं दी। केवल बड़ी बड़ी बाते करने से विकास नहीं हो जाता। विकास करने के लिए आपको एक सुविचारित नीतियों को संचालित करना होता है। नरेंद्र मोदी जी का पिछला दस वर्षों का कार्यकलाप देश को पीछे ले जाने वाला, देश को गर्त में ले जाने वाला रहा है। आज देश हर मोर्चे पर पिछड़ चुका है। देश का किसान, युवा, व्यापारी, मातृ शक्ति, दलित, पिछड़े समाज के भाई बंधू सब खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। अभी हाल में हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों ने साफ दर्शा दिया कि अब देश इनके झांसे में नहीं आने वाला । देश अब बदल रहा है । हमे अपने देश की जनता पर और उसके विवेक पर पूर्ण भरोसा है । आगामी विधानसभा चुनाव हम प्रचंड बहुमत से जीतने जा रहे हैं ।

पत्रकारवार्ता में जिला एवं महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश्वर सिंह पटेल, राघवेंद्र चौबे, फसाहत हुसैन बाबू,गुलशन अली, डॉक्टर राजेश गुप्ता,वकील अंसारी,राजीव राम,रोहित दुबे,सुभम सिंह,मो उज्जैर,आसिष गुप्ता आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे ।