कायाकल्प योजना की झूठी रिपोर्ट देने पर जिलेभर के सभी ए०बी०एस०ए० को कड़ी फटकार, जिला हुआ शर्मशार
अनिवार्य प्रश्न। संवाद
मीरजापुर। जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल द्वारा कलेक्ट्रेट सभागार में आपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत जनपद के समस्त परिषदीय विद्यालयों को मूलभूत जल एवं स्वच्छता तथा अवस्थापना सुविधाएं मुहैया कराने के दृष्टिगत शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रगति की समीक्षा की गयी। समीक्षा विगत बैठक में दिये गये निर्देश के अनुपालन में कोताही करने व गलत सूचना देने के लिए बेसिक शिक्षा के सभी ए0बी0एस0ए0 को कडी फटकार लगाई गई। फटकार लगाते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि यदि दुबारा इस तरह की पुनरावृत्ति पायी जाती है तो सम्बंधित के विरूद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
लगभग सभी ए0बी0एस0ए0 के द्वारा कायाकल्प योजना के तहत गलत रिपोर्टिंग की गई थी। जिससे जिले की शिक्षा व्यवस्था की साख धूमिल हुई है और जनपद शर्मसार हुआ है। जिलाधिकारी ने डाटते हुए कहा कि जिस विद्यालयों में बिजली कनेक्शन हैं और कम्पोजिट ग्रांट में धनराशि उपलब्ध हैं वहां पर प्राथमिकता के आधार पर रनिंग वाटर हेतु समरसेबुल लगवा लिया जाए ताकि शौचालयों में पानी की आपूर्ति की जा सके। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया गया कि कायाकल्प योजनान्तर्गत शासन स्तर पर रेटिंग किया जाता है। उसके दृष्टिगत जिस स्कूल में योजनान्तर्गत कार्य पूर्व में कराने के 14 बिन्दुओं पर सर्वे कराने के उपरान्त जो कमियां दी गयी हैं उसे पूर्ण कराये जाने के लिये बेसिक शिक्षा विभाग तथा जिला पंचायत राज विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर कार्यों में यह तय कर लिया जाए कि कौन से कार्य कम्पोजिट कार्य से और कितना कार्य जिला पंचायत के द्वारा 14 वें वित्त आयोग से कराया जाना है।
उसी के अनुसार तत्काल सारी कमियों को पूर्ण करा लिया जाए। कायाकल्प में कराये गये कार्यो के बाद जिन 14 बिन्दुओं पर कार्य कराया जाना है उनमें शुद्ध एवं सुरक्षित पेयजल, बालक शौचालय, बालिका शौचालय, शौचालय में जल व नल आपूर्ति, शौचालय का टाइलीकरण, दिव्यांग सुलभ शौचालय, हैंण्डवाशिंग यूनिट, कक्षा-कक्ष की फर्श की टाइलीकरण, श्यामपट, रसोईधर, विद्यालय की समुचित रंगाई-पुताई, विद्यालय परिसर में दिव्यांग सुलभ रैम्प एवं रेलिंग,, कक्षा-कक्ष में उपयुक्त वायरिंग विद्युत उपकरण तथा विद्यालय का वित्त संयोजन कार्य हैं। इन कार्यो में जहां पर सर्वे के बाद जो कार्य कराया जाना है उसे तत्काल पूर्ण कराया जाए।
उन्होंने कहा कि कार्य कराये जाने और कार्य की गुणवत्ता की सभी जिम्मेदारी सम्बंधित ए०बी०एस०ए० की होगी। इसी प्रकार अवस्थापना सुविधाओं के अन्तर्गत विद्यालयों में बालक एवं बालिका मूत्रालय, विद्यालय परिसर में फोर्स लिफ्ट अथवा सबमर्सिबल से आपूर्ति, फर्नीचर एवं डेस्क बेच आदि कार्य की जहां कमी हो पूर्ण किया जाना है।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह ने सभी ए0बी0एस0ए0 को निर्देशित करते हुये कहा कि यह भी देख लें कि जिस विद्यालय में किचेन के साथ किचेन स्टोर न हो वहां पर यदि संभव हो तो खाली कमरे में पाटीशन लगाकर स्टोर बनायें, यदि खाली कमरा न हो तो अलग से स्टोर की व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाए।
बैठक में सामुदायिक शौचालयों के प्रगति की भी समीक्षा की गयी। जिस पर जिलाधिकारी ने कहा कि सभी शौचालयों में कार्य में तेजी लाकर आगामी 30 जून 2020 तक पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अविनाश सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी अरविन्द कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी वीरेन्द्र कुमार, कोआर्डिनेटर विनोद कुमार श्रीवास्तव के अलावा डाट,ाने वाले लगभग सभी ए0बी0एस0ए0 उपस्थित रहे।