Remove the back breaker within three days, otherwise action will be taken Yogi

तीन दिन के भीतर हटायें कमर तोड़ ब्रेकर अन्यथा होगी कारवाई : योगी


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


कालीखोह, अष्टभुजा मन्दिर व त्रिकोण के विकास के लिये भी बनायें प्रस्ताव


मीरजापुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ आज अपने जनपद भ्रमण कार्यक्रम के तहत विन्ध्याचल पहुॅचकर निर्माणधीन विन्ध्य कारीडोर का भ्रमण कर स्थलीय निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान न्यू0वी0आई0पी0 मार्ग पर लगभग 50 से 60 मीटर आगे तक जाकर मार्ग पर बिछाये गये परकोटा को देखा गया। इस दौरान आस पास के दुकानदारों से उनके कुशल-क्षेम के बारे भी जानकारी ली गयी। एक दुकान पर बैठे एक बच्चे को बुला कर भी मुख्यमंत्री द्वारा बात-चीत की गई। निरीक्षण के दौरान विन्ध्य परिक्रमा पथ पर खड़े किये गये पिलर तथा उस पर लगाये गये परकोटा व तराशे गये नक्काशी का भी परीक्षण करने के बाद कोतवाली मार्ग, गंगा घाट को भी मुख्यमंत्री ने देखा। तदुपरान्त जिला प्रशासन एक स्थान पर लगाये गये विन्ध्य कारीडोर का पूरा नक्शा/नमूना को की मुख्यमंत्री द्वारा जानकारी प्राप्त की गयी।

निरीक्षणोपरान्त मुख्यमंत्री विन्ध्याचल से निकलकर लगभग 03 बजे आयुक्त कार्यालय सभागार में सभी जनप्रतिनिधियो एवं विन्ध्य कारीडोर व नवरात्र मेला से सम्बन्धित अधिकारियों के साथ बैठक कर देवी परिसर में हो रहे निर्माण कार्याे के प्रगति की समीक्षा की गयी।

जिलाधिकारी दिव्या मित्तल व मण्लायुक्त योगेश्वर राम मिश्र द्वारा विन्ध्य कारीडोर के कार्य एवं प्रगति सहित पहुॅच मार्गाे का सौन्दर्यीकरण, परकोटा एवं परिक्रमा पथ, फसाड ट्रीटमेंट आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी। जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को भूमि की उपलब्धतता के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि 566 दुकानों का कब्जा प्राप्त करने के सापेक्ष 560 दुकानों व भवनों को तोड़कर कब्जा प्राप्त कर लिया गया है। 06 सम्पत्तियों पर मा0 उच्च न्यायालय प्रयागराज में याचिका लम्बित है, जिसकी अग्रिम तिथि 29 सितम्बर 2022 को निर्धातिर है।

मन्दिर तक पहुॅचने वाले मार्गाे के सौन्दर्यीकरण के बारे में जिलाधिकारी ने बताया कि पुराने वी0आई0पी0 मार्ग पर 400 मीटर के सापेक्ष 245 मीटर तथा न्यू0वी0आई0पी0 मार्ग 140 मीटर के सापेक्ष 121 मीटर कार्य पूर्ण करा लिया गया है। नाली एवं फुटपाथ कार्य पुरानी वी0आई0पी0मार्ग पर प्रगति पर न्यू0वी0आई0मार्ग पर नाली का कार्य पूर्ण करा लिया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्य द्वार तथा पक्का घाट पर कालम का कार्य पूर्ण करा लिया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 40.18 करोड़ स्वीकृति धनराशि के सापेक्ष 11 करोड़ अवमुक्त किया गया है जिसमें 05 करोड़ रूपया व्यय करते हुये 30 प्रतिशत तक भौतिक प्रगति है। परकोटा एवं परिक्रमा पथ के बारे में बताया गया कि कुल 130 पिलर बनाये जाने हैं जिसमें 30 पूर्ण, 35 छत स्तर तक पूर्ण, 24 फुटिंग कार्य तथा 41 अनारम्भ है। गलियों के फसाड ट्रीटमेंट के बारे में बताया गया कि ध्वस्तीकरण के उपरान्त गृह मालिकों द्वारा निर्माण कार्य कराया जा रहा था अब फसाड ट्रीटमेंट का कार्य तेजी से कराया जायेगा।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि एन0एच0 व अन्य मुख्य मार्गों पर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये ताकि देश व सभी प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालु यहॉ से सुखद अनुभव लेकर जाएँ। पार्किंग व्यवस्था के बारे में योगी ने कहा कि पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। पार्किंग में बुनियादी सुविधाएँ भी उपलब्ध हों निर्धारित रेट की लिस्ट लगी हो तथा यह भी ध्यान दिया जाय कि यात्रियों को ज्यादा पैदल न चलना पड़े।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मन्दिर एवं विन्ध्य कारीडोर निर्माण के साथ-साथ कालीखोह एवं अष्टभुजा मन्दिर निर्माण व त्रिकोण मार्ग के चौड़ीकरण, सौन्दर्यीकरण के लिये भी कार्य योजना बनाकर दें ताकि आगे चलकर उसका भी विकास किया जा सके। उन्होंने यात्रियों के लिये अच्छे धर्मशालाओं एवं अच्छे होटलों का निर्माण कराने का भी सुझाव अधिकारियों को दिया। मेला स्वास्थ सुविधाओं, चिकित्सकों के शिविर दवाओं की उपलब्धतता, एम्बुलेंस तथा विद्युत विभाग को नवरात्र मेला के दौरान 24 घण्टे विद्युत आपूर्ति, अतिरिक्त ट्रांसफार्मरों की व्यवस्था के साथ-साथ अन्य आवश्यक व्यवस्थाएँ करने का भी निर्देश दिया गया। यात्रियों के लिये शुद्ध पेयजल, मेला में बिकने वाले खाद्य सामाग्रियों की जॉच कराने, शुद्ध खाद्य सामाग्री उपलब्ध कराने आदि का निर्देश दिया गया।

मुख्यमंत्री ने अधिशाषी अभियन्ता एन0एच0 एवं लोक निर्माण विभाग को निर्देशित करते हुये कहा कि तीन दिन के अन्दर पूरे मीरजापुर नगर व विन्ध्याचल के मार्गाे से कमर तोड़ ब्रेकरों को हटाकर टेबल टाप ब्रेकर बनवा दें। उन्होंने कहा कि कहीं पर कमर तोड़ ब्रेकर नहीं होना चाहिये। अगर होगा तो कार्रवाई होगी।
साथ ही अधिकारियों से उन्होंने विशेष रुप से कहा कि प्रयास किया जाए कि विन्ध्य कारीडोर में प्रयुक्त होने वाले पत्थरों को तराशने हेतु यहीं पर कार्यशाला स्थापित की जाए ताकि यहॉं के लोगों को प्रशिक्षित कर आत्म निर्भर भी बनाया जा सके।