Fake news and misinformation spread rapidly during crisis : Dr. L. murugan

फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं संकट के दौरान तेजी से फैलती हैं : डॉ. एल. मुरुगन


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरुगन ने आज नई दिल्ली में ग्लोबल न्यूज फोरम 2022 की बैठक में मुख्य भाषण दिया। एशिया- प्रशांत क्षेत्र के विभिन्न समाचार संगठनों के प्रतिनिधियों की एक सभा को संबोधित करते हुए, डॉ. मुरुगन ने कहा कि यह सभा नवरात्रि के शुभ अवसर पर हो रही है। डॉ. मुरुगन ने कहा कि संकट के समय में टेलीविजन समाचार चैनलों को विवेकपूर्ण होना चाहिए तथा सच्चाई और विश्वास का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्लोबल न्यूज फोरम का विषय – ‘संकट के समय सत्य और विश्वास’ बहुत उपयुक्त है और कोविड-19 महामारी के बाद इसका महत्व कई गुना बढ़ गया है, जिसे एक इन्फोडेमिक भी कहा जाता है।

डॉ. मुरुगन ने कहा कि यह मंच विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए एक उत्कृष्ट मंच है। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र में मीडिया का प्रमुख महत्व है, क्योंकि यह लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। उन्होंने कहा कि प्रसार भारती ने महामारी के दौरान सूचना प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।  उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ फर्जी खबरें और गलत सूचनाएं संकट के दौरान तेजी से फैलती हैं और दूसरी तरफ इस बुराई के खिलाफ जागरूकता पैदा करना भी उतना ही महत्वपूर्ण हो गया है।

एशिया पैसिफिक ब्रॉडकास्टिंग यूनियन के महासचिव जवाद मोट्टाघी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि एबीयू 70 से अधिक देशों में 250 सदस्यों के साथ सबसे बड़ा प्रसारण संघ है और 3 बिलियन से अधिक दर्शकों तक पहुंचने की क्षमता रखता है। श्री मोट्टाघी ने कहा कि एशिया- प्रशांत एक विविधता से परिपूर्ण क्षेत्र है जिसमें बड़े और छोटे दोनों देश, विभिन्न संस्कृतियों, अर्थव्यवस्था और शासन प्रणाली वाले देश हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि, विविधता एक जोखिम नहीं बल्कि एक अवसर है और संघ अपनी समानताओं पर ध्यान केंद्रित करता है तथा विविधता का सम्मान करता है।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री मयंक अग्रवाल ने कहा कि प्रसार भारती टेलीविजन और रेडियो प्रसारकों के सामूहिक हित को बढ़ावा देने और क्षेत्र में प्रसारकों के बीच सहयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एबीयू द्वारा निभाई जा रही भूमिका की सराहना करता है।  उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि तुर्की के इस्तांबुल में 2019 में अंतिम बैठक के 3 साल बाद भौतिक रूप से यह बैठक हो रही है।

प्रसार भारती हमेशा सार्वजनिक प्रसारण के उच्च मानकों पर खरा उतरा है और लोगों द्वारा इसकी निष्पक्षता के लिए सराहना की गई है।  महामारी के दौरान की गई गतिविधियों पर बोलते हुए, श्री अग्रवाल ने महामारी के दौरान नकली समाचारों के खतरे का सक्रिय रूप से सामना करने के लिए दूरदर्शन और आकाशवाणी को श्रेय दिया और सभा को सूचित किया कि पत्र सूचना कार्यालय के तहत एक फैक्ट चेक यूनिट भी स्थापित की गई है। उन्होंने दर्शकों को यह भी बताया कि ‘डॉक्टर्स स्पीक’ कार्यक्रम 20 क्षेत्रीय भाषाओं में प्रसारित किया गया था, जहां डॉक्टरों ने दर्शकों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि व्यापक मीडिया बिरादरी ने देश को महामारी के दौर में मदद करने में महत्वपूर्ण निभाई थी।

एशियाप्रशांत प्रसारण संघ (एबीयूके बारे में

एबीयू की स्थापना 1964 में एक गैर-लाभकारी, गैर-सरकारी, गैर- राजनीतिक, पेशेवर संघ के रूप में की गई थी, जो वर्तमान में कुआलालंपुर, मलेशिया में मुख्यालय वाले क्षेत्र में प्रसारण संगठनों के विकास में सहायता करता है। एबीयू टेलीविजन और रेडियो प्रसारकों के साथ-साथ प्रमुख उद्योग के खिलाड़ियों के सामूहिक हितों को बढ़ावा देता है और सदस्यों के लिए क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय मीडिया सहयोग की सुविधा भी देता है। प्रशांत क्षेत्र, एशिया (दक्षिण पूर्व, उत्तर, दक्षिण, मध्य), मध्य पूर्व, यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका में 67 से अधिक देशों में इसके 253 से अधिक सदस्य हैं, जो लगभग 2 बिलियन लोगों के बीच संभावित दर्शकों तक पहुंचते हैं।

दूरदर्शन (डीडी) और ऑल इंडिया रेडियो (एआईआर) दोनों एबीयू के पूर्ण सदस्य हैं।  ऑल इंडिया रेडियो वर्ष 1964 में एबीयू का संस्थापक सदस्य था, जबकि दूरदर्शन वर्ष 1976 में एबीयू में शामिल हुआ था।