The Commission revived Assam's oldest Khadi Institute burnt down 30 years ago by Bodo rebels

बोडो विद्रोहियों द्वारा 30 वर्ष पहले जला दिए गए असम के सबसे पुराने खादी संस्थान को आयोग ने किया पुनर्जीवित


अनिवार्य प्रश्न। संवाद


नई दिल्ली। असम के सबसे पुराने खादी संस्थानों में से एक, जो 30 वर्षों से बोडो विद्रोह के चलते बर्बाद रहा, उसे खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने नई जिंदगी दी है। असम के बक्सा जिले के कावली गांव में इस खादी उद्योग जिसे 1989 में बोडो विद्रोहियों द्वारा जला दिया गया था, उसे केवीआईसी ने सिल्क रीलिंग सेंटर के रूप में पुनर्जीवित किया गया है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में 15 महिला कारीगरों और 5 अन्य कर्मचारियों के साथ यहां कताई और बुनाई की गतिविधियां फिर से शुरू होंगी।

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1962 में चीन के आक्रमण के बाद अरुणाचल प्रदेश से असम में स्थानांतरित हुए तामुलपुर आंचलिक ग्रामदान संघ नामक खादी संस्था द्वारा इसका निर्माण किया गया था। शुरुआत में सरसों के तेल का उत्पादन यहां शुरू हुआ था और 1970 से यहां कताई और बुनाई गतिविधियों ने भी 50 कारीगर परिवारों को यहां आजीविका प्रदान करना शुरू कर दिया था। मगर त्रासदी तब हुई जब 1989 में इस संस्थान को चरमपंथियों द्वारा जला दिया गया और तब से यह बंद रही।

केवीआईसी के अध्यक्ष श्री विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि इस खादी संस्थान के पुनरुद्धार ने ऐतिहासिक महत्व ग्रहण किया है और खादी गतिविधियों को फिर से शुरू करने से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा, “शुरुआत में केवाइसी असम की एरी सिल्क की रीलिंग के लिए इकाई को विकसित करेगा।  भविष्य में अन्य खादी गतिविधियों जैसे ग्रामोद्योग उत्पादों का निर्माण भी शुरू किया जाएगा। यह केंद्र स्थानीय कारीगरों के लिए एक प्रमुख रोजगार सृजन का काम करेगा। यह पहल खादी के मुख्य गांधीवादी सिद्धांत ‘ग्रामीण पुनरुत्थान’ से जुड़ी है जो माननीय प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण – सबका साथ, सबका विकास के अनुरूप है।

यह खादी संस्था गुवाहाटी से 90 किमी दूर स्थित है। केवीआईसी से वित्तीय सहायता के साथ इसे पुन: कार्यशील बनाया जा रहा है जिसके पीछे मकसद खादी कारीगरों को बेहतर कार्यशील स्थिति प्रदान करना है जिससे अंततः उनकी उत्पादकता में सुधार होगा। हाल के वर्षों में केवीआईसी ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, ओडिशा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में कई ऐसे खादी संस्थानों को पुनर्जीवित किया है जो कई दशकों से खराब पड़े हुए थे।

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