On PM's birthday, KVIC launches several schemes to empower artisans in Varanasi

प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर, केवीआईसी ने शुरू की वाराणसी में कारीगरों को सशक्त बनाने के लिए कई योजनाएं


अनिवार्य प्रश्न। संवाद।


नई दिल्ली। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन, “सेवा दिवस” के मौके पर स्पिन (स्ट्रेंथनिंग दि पोटेंशियल ऑफ इंडिया) नामक एक विशिष्ट योजना शुरू की और हाशिए पर रहने वाले कुम्हार समुदाय के 1,100 से अधिक लोगों को सशक्त बनाने के लिए वाराणसी में स्फूर्ति योजना के तहत एक पॉटरी कलस्टर स्थापित किया।इस अवसर पर स्पिन योजना के प्रतिभागियों के लिए 780 इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील (बिजली से चलने वाले चाक) मंजूर किए गए। इसके अलावा, केवीआईसी ने गुजरात के केवड़िया में महिला कारीगरों को स्वरोजगार और स्थायी आजीविका के साथ जोड़ने के लिए 50 चरखे वितरित किए। इस अवसर पर केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना उपस्थित थे।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) राज्य मंत्री भानुप्रताप सिंह वर्मा ने स्पिन योजना का शुभारंभ किया जिसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और झारखंड के 780 कुम्हारों ने अपना व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक से वित्तीय सहायता के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें से 110 कारीगर वाराणसी के हैं। संयोग से, कुम्हार समुदाय को सशक्त बनाना और मिट्टी के बर्तनों की लुप्त होती कला को संरक्षित करना प्रधानमंत्री का सपना है।

कुम्हार सशक्तिकरण योजना, जो एक सब्सिडी आधारित कार्यक्रम है, के विपरीत स्पिन योजना पंजीकृत कुम्हारों को प्रधानमंत्री शिशु मुद्रा योजना के तहत बैंकों से सीधे ऋण प्राप्त करने में सक्षम बनाती है। स्पिन योजना के तहत, केवीआईसी आरबीएल बैंक के माध्यम से कुम्हारों को वित्तीय सहायता के लिए एक सुविधादाता के रूप में कार्य कर रहा है और इस योजना को चुनने वाले कारीगरों को प्रशिक्षण भी प्रदान कर रहा है। इस योजना के तहत राजकोष पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा और कुम्हार आसान किश्तों में ऋण चुकाएंगे। इस तरह, स्पिनयोजना का उद्देश्य भारत में मिट्टी के बर्तनों के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का संचार करना है।

श्री वर्मा ने वाराणसी के भट्टी गांव में “काशी पॉटरी क्लस्टर” का भी उद्घाटन किया। स्फूर्ति योजना के तहत केवीआईसी द्वारा स्थापित वाराणसी जिले में यह पहला पॉटरी कलस्टर है। 2.50 करोड़ रुपये की लागत से 7,100 वर्ग फुट के क्षेत्र में स्थापित यह क्लस्टर मिट्टी के बर्तनों के उन 340 कारीगरों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करेगा जिन्हें केवीआईसी द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। यह क्लस्टर मिट्टी के बर्तनों के उच्च उत्पादन के लिए फर्नेस, इलेक्ट्रिक पॉटर व्हील्स, ब्लंजर मशीन, पग मिल और अन्य आधुनिक उपकरणों जैसे नवीनतम उपकरणों से लैस है।

मंत्री ने कहा, “स्पिन कुम्हारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक विशेष रूप से तैयार किया गया कार्यक्रम है। इस योजना के तहत, केवीआईसी कुम्हारों को बैंकों से आसान ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करेगा जिससे कुम्हारों को उनकी गतिविधियों में विविधता लाने और उनकी आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे सरकारी सब्सिडी पर उनकी निर्भरता कम होगी और इस तरह हमारे कुम्हार आत्मनिर्भर बनेंगे।” उन्होंने साथ ही कहा कि नया काशी पॉटरी क्लस्टर पारंपरिक कुम्हारों को आधुनिक उपकरणों की मदद से अपने कौशल को बेहतर करने में मदद करेगा जो अंततः उन्हें बाजार में एक बड़े हिस्से पर कब्जा करने और बेहतर आय प्राप्त करने में सक्षम बनाएंगे।

केवीआईसी के अध्यक्ष श्री सक्सेना ने कहा कि संस्थाका प्रमुख उद्देश्य स्थानीय स्वरोजगार के सृजन के जरिए सतत विकास करना है जो “हर हाथ में काम” की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “स्पिन योजना और काशी पॉटरी क्लस्टर कुम्हार समुदाय को सशक्त बनाने में प्रमुख भूमिका निभाएंगे, जो कि प्रधानमंत्री का सपना है। मिट्टी के बर्तनों के अलावा, केवीआईसी स्पिन योजना के तहत अन्य पारंपरिक कलाओं को मजबूत करने पर भी विचार करेगा।”

इसके अलावा, केवीआईसी ने वाराणसी में 80 बढ़ईगीरी कारीगरों को टूल (औजार) सेट वितरित किए और वाराणसी के सेवापुरी आश्रम में बांस के 2,000 पौधे भी लगाए।

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