अब मैं यहीं का हो गया, मां गंगा ने गोद ले लिया, काशीवासियों का मुझ पर असीम स्नेह-नरेन्द्र मोदी
अनिवार्य प्रश्न। ब्यूरो संवाद।
वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दो दिवसीय वाराणसी दौरे के दौरान मंगलवार को राजातालाब के मेहदीगंज में आयोजित किसान सम्मान सम्मेलन में पीएम- किसान के अंतर्गत 20 हजार करोड़ रुपए की 17 वीं किस्त जारी किया उन्होंने कृषि सखियों के रूप में 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों को प्रमाण पत्र प्रदान किया। इस प्रकार तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने सबसे पहले कार्यक्रम में पीएम किसान की बहुप्रतीक्षित 17वीं किस्त, 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि, 9.26 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों को प्रधानमंत्री ने मंगलवार को वाराणसी से बटन के एक क्लिक से वितरित किया। जैसे ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डिजिटल बटन को क्लिक किया, किसानों के बैंक खातों में खटाखट-खटाखट, दनादन-दनादन उनकी सम्मान राशि पहुंच गई। जिससे कार्यक्रम में शामिल किसानों के चेहरे खुशी से खिल उठे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विशाल किसान सम्मेलन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि भोजपुरी में कहा कि चुनाव के बाद हम पहली बार बनारस आयल हईं। काशी के जनता जनार्दन के हमार प्रणाम। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद से काशीवासियों के, असीम प्यार से मुझे तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है। उन्होने कहा है काशी के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर धन्य कर दिया है। जैसे मुझे गोद ले लिया है। मैं यहीं का हो गया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा जी 7 के सारे मतदाताओं को मिला दें, तो भी भारत के वोटर की संख्या उनसे डेढ़ गुना ज्यादा है। यूरोप के तमाम देशों को जोड़ दें, यूरोपीय यूनियन के सारे मतदाताओं को जोड़ दें तो भी भारत के वोटर की संख्या उनसे ढाई गुना ज्यादा है। मैं आपका ऋणी हूं। उन्होंने कहा कि भारत में 18वीं लोकसभा के लिए हुआ यह चुनाव भारत के लोकतंत्र की विशालता को, भारत के लोकतंत्र के समर्थक को, भारत के लोकतंत्र की व्यापकता को, भारत के लोकतंत्र की जड़ों की गहराई को दुनिया के सामने पूरे समर्थ के साथ प्रस्तुत करता है। इस चुनाव में देश के 64 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान किया। पूरी दुनिया में इससे बड़ा चुनाव कहीं और नहीं होता है, जहां इतनी बड़ी संख्या में लोग वोटिंग में हिस्सा लेते।
प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि में सभी लाभार्थी तक लाभ पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल हुआ है। कुछ महीने पहले ही भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी एक करोड़ से अधिक किसान इस योजना से जुड़े। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान आत्मनिर्भर बन रहा है और कृषि निर्यात में अग्रणी बना है। इसके लिए उन्होने बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली, गाजीपुर की भिंडी की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे अनेक उत्पाद आज विदेशी मार्केट में पहुंच रहे हैं। वन जिला वन प्रोडक्ट और जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनने से एक्सपर्ट बढ़ रहा है और उत्पादन भी एक्सपोर्ट क्वालिटी का होने लगा। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि अब हमें ग्लोबल मार्केट में देश को नई ऊंचाई पर ले जाना और मेरा तो सपना है कि दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर भारत का कोई न कोई खजाना डिफेक्ट वाले मंत्र को बढ़ावा देना। मोटे अनाज श्री अन्न का उत्पादन हो, औषधीय गुण वाली फसल हो या फिर प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना।
पीएम किसान समृद्धि के माध्यम से किसानों के लिए एक बड़ा सपोर्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है। उन्होने कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि इनके बिना खेती की कल्पना भी नहीं संभव है। इसलिए अब खेती को नई दिशा देने में भी माता बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमने आशा कार्यकर्ता के रूप में बहनों का काम देखा। डिजिटल इंडिया बनाने में बहनों की भूमिका अच्छी है। अब हम कृषि सखी के रूप में खेती को नई ताकत मिलते हुए देखेंगे। आज कार्यक्रम के दौरान 30,000 सहायता समूह को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए। अभी 12 राज्यों में यह योजना शुरू हुई है। आने वाले समय में पूरे देश में हजारों समूह को इससे जोड़ा जाएगा। यह अभियान तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने में भी मदद करेगा।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता, भारत के प्रधानमंत्री तथा वाराणसी के लोकप्रिय सांसद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मां गंगा का यशस्वी पुत्र बताते हुए काशी एवं उत्तर प्रदेश के अन्नदाता किसानों एवं काशीवासियों की ओर से उनका अभिनंदन किया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 62 वर्ष बाद यह अवसर पहली बार आया है कि अपनी लोकप्रियता के आधार पर तीसरी बार नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है। इनके नेतृत्व में एक नए भारत का दर्शन लोग कर रहे हैं। भारत दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की ओर अग्रसर है। उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि वर्ष 2014 में देश के अन्नदाता किसान राजनीतिक एजेंडा का हिस्सा बने और किसानों के उत्थान के लिए किये जा रहे कार्यों का परिणाम अब लोग देख रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 10 वर्षों में बदलते काशी को दुनिया के लोगों ने देखा है। हजारों करोड़ रुपए के विकास कार्य यहां कराए गए हैं। दुनिया के लोग काशी को नये कलेवर में बदलता हुआ देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को उन्हीं के काशी में अन्नदाता किसानों एवं काशीवासियों के ओर से बधाई दी। उन्होंने कहा कि जब तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ मोदी जी ने ली, तो उन्होंने सबसे पहला कार्य और सबसे पहले किसी एक फाइल पर हस्ताक्षर किया तो किसानों के लिए किया। किसानों के लिए समर्पित और आज देश के करोड़ों किसानों को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि की नई सौगात के साथ अभियान का शुभारंभ होने जा रहा है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने भीषण आग बरसाती गर्मी की चर्चा करते हुए कहा कि प्रकृति व परमात्मा का संगम काशी में देखने को मिला है। जब गत दिनों की भीषण गर्मी के बावजूद काशी में प्रधानमंत्री की किसान सम्मान सम्मेलन कार्यक्रम के दौरान अचानक मौसम परिवर्तन के रूप में देखने को मिला है।
इससे पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने भी प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए सम्मेलन में आए किसानों को संबोधित किया। बताते चले कि विकसित भारत का संकल्प पूरा करने के लिए कृषि सबसे महत्वपूर्ण आधार है और कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव है। रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर कृषि के माध्यम से ही सृजित होते हैं। कृषि और किसान पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सर्वाेच्च प्राथमिकता रहे हैं, जिसके चलते किसानों के कल्याण के लिए अनेकों कदम उठाए गये और अभी भी प्रधानमंत्री ने पद ग्रहण करने के बाद सबसे पहले किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त किसानों को जारी करने को लेकर हस्ताक्षर किए।
गौरतलब है कि किसान सम्मान निधि 24 फरवरी 2019 को शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है।लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए केंद्र सरकार ने देश भर में लगभग 11 करोड़ से अधिक किसानों को 3.04 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है और इसके साथ ही, योजना की शुरुआत से लाभार्थियों को हस्तांतरित कुल राशि 3.24 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी। आज अन्नदाताओं की खुशहाली के साथ विकसित भारत के संकल्प की सिद्धि का भी गणेश हुआ।
पीएम किसान की किस्त जारी करने के कार्यक्रम के साथ-साथ प्रधानमंत्री ने 30,000 से अधिक स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को कृषि सखियों के रूप में प्रमाण पत्र भी प्रदान किया। जिस क्रम में एक प्रतीक के रूप में प्रधानमंत्री ने पांच कृषि सखियों को प्रमाण पत्र वितरित किया। कृषि सखी कार्यक्रम को चरण-1 में 12 राज्यों गुजरात, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और मेघालय में शुरू किया गया है। तक, 70,000 में से 34,000 से अधिक कृषि सखियों को पैरा-एक्सटेंशन वर्कर के रूप में प्रमाणित किया जा चुका है।
इससे पूर्व प्रधानमंत्री का जनसभा स्थल पर भव्य स्वागत किया गया। केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अंग वस्त्र भेटकर प्रधानमंत्री को सम्मानित किया। वहीं तीन किसानों ने भी उनका सम्मानित किया। कार्यक्रम में 732 कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), 1 लाख से अधिक प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों और देश भर के 5 लाख कॉमन सर्विस सेंटरों के 2.5 करोड़ से अधिक किसान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ऑनलाइन शामिल रहे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मोर्या, ब्रजेश पाठक, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुर्य प्रताप शाही, जयवीर सिंह अनिल राजभर, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रविन्द्र जायसवाल, डॉ दयाशंकर मिश्र दयालु, विधायक डॉ अवधेश सिंह, विधायक टी.राम, विधायक सुनील पटेल, भाजपा जिलाध्यक्ष एवं एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मोर्या, मंचासिंन रहे।
मेहंदी गंज में इनकी भी रही उपस्थिति
भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष दिलीप पटेल, एमएलसी अश्वनी त्यागी, पूर्व विधायक जगदीश पटेल, पूर्व विधायक सुरेंद्र नारायण सिंह, अशोक चौरसिया, सुशील त्रिपाठी, राजेश राजभर, क्षेत्रीय मीडिया प्रभारी नवरतन राठी, सह मीडिया प्रभारी संतोष सोलापुरकर, प्रवीण सिंह गौतम, संजय सोनकर, जेपी दूबे, सुरेंद्र पटेल, सुरेश सिंह, विपिन सिंह, अनिल श्रीवास्तव, श्रीप्रकाश शुक्ला, देवेंद्र मोर्या, विनय मोर्या, विनिता सिंह, वंश नारायण पटेल, पवन सिंह, संजय सिंह, अरविंद प्रधान, अरविंद पाण्डेय, अमित पाठक, कुशाग्र श्रीवास्तव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।