मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर देश की पहली बिना ड्राइवर वाली ट्रेन का हुआ उद्घाटन
अनिवार्य प्रश्न। संवाद
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर भारत की पहली बिना ड्राइवर के चलने वाली मेट्रो ट्रेन के परिचालन का उद्घाटन किया। आज नेशनल कॉमन मोबिलिटी कार्ड की दिल्ली मेट्रो की एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन में शुरुआत की गई। यह कार्ड पिछले साल अहमदाबाद में शुरू किया गया था। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का यह आयोजन शहरी विकास को भविष्य के लिए तैयार करने का एक प्रयास है। उन्होंने कहा कि देश को भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार करना शासन की एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। उन्होंने इस तथ्य पर अफसोस जताया कि कुछ दशक पहले, जब शहरीकरण की मांग अनुभव की गई थी, तो भविष्य की जरूरतों पर अधिक ध्यान नहीं दिया गया, बल्कि आधे-अधूरे काम किए गए, जिनसे भ्रम की स्थिति बनी रही। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, आधुनिक सोच यह कहती है कि शहरीकरण को एक चुनौती के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए बल्कि इसका देश में बेहतर बुनियादी ढांचे के निर्माण के अवसर के रूप में उपयोग किया जाना चाहिए । इसका हम जीवन की सुगमता को बढ़ाने में भी उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सोच का यह अंतर अब शहरीकरण के हर आयाम में दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि 2014 में केवल 5 शहरों में मेट्रो रेल थी, लेकिन यह आज 18 शहरों में उपलब्ध है। वर्ष 2025 तक हम इसका 25 से अधिक शहरों में विस्तार करने जा रहे हैं। 2014 में देश में केवल 248 किमी मेट्रो लाइने परिचालित थीं, लेकिन आज 700 किलोमीटर से अधिक मेट्रो लाइनें परिचालित हैं, इस प्रकार इसमें तीन गुना बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2025 तक, हम इसका 1700 किमी तक विस्तार करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये केवल आंकड़े ही नहीं हैं, बल्कि करोड़ों भारतीयों के जीवन को सहज बनाने का प्रमाण भी हैं। यह केवल ईंट, पत्थर, कंक्रीट और लोहे से बना बुनियादी ढांचा मात्रा ही नहीं है, बल्कि देश के मध्यम वर्ग, देश के नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के प्रमाण भी हैं।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने पहली बार मेट्रो नीति तैयार की है और उसे समग्र रणनीति के साथ लागू किया है। स्थानीय मांग के अनुसार काम करने, स्थानीय मानकों को बढ़ावा देने, मेक इन इंडिया का विस्तार करने और आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर जोर दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात पर ध्यान दिया गया है कि मेट्रो और यातायात के आधुनिक साधनों का विस्तार शहर के लोगों की जरूरतों और व्यवसायिक जीवन शैली के अनुसार किया जाना चाहिए। यही कारण है कि विभिन्न शहरों में विभिन्न प्रकार की मेट्रो रेल पर काम किया जा रहा है।
विभिन्न प्रकार की मेट्रो रेल को सूचीबद्ध किया, जिन पर काम किया जा रहा है। दिल्ली और मेरठ के बीच रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के बारे में प्रधान मंत्री ने कहा कि इससे दिल्ली और मेरठ के बीच की दूरी एक घंटे से भी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन शहरों में यात्रियों की संख्या कम है, वहां मेट्रोलाइट रेल पर काम किया जा रहा है। मेट्रोलाइट रेल का निर्माण सामान्य मेट्रो की 40 प्रतिशत लागत पर किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि मेट्रोनिओ का निर्माण उन शहरों में किया जा रहा है, जहां यात्रियों की संख्या कम है। इस मेट्रो का निर्माण सामान्य मेट्रो की 25 प्रतिशत लागत पर हो जाएगा। इसी प्रकार, वाटर मेट्रो अलग सोच वाली होगी। इसका निर्माण उन शहरों में किया जा रहा है, जहां बड़े-बड़े जल निकाय हैं। यह द्वीपों के पास रहने वाले लोगों को अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगी।